...तो विधायक भी नहीं रहेंगे छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल? सांसद भतीजे विजय ने खड़ी कर दी मुसीबत
छत्तीसगढ़ विधानसभा में मिली करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विधायकी पर Chhattisgarh Former CM Bhupesh Baghel खतरा मंडरा रहा है। पूर्व सीएस के भतीजे ने ही उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। दरअसल बघेल के भतीजे और भाजपा सांसद विजय बघेल ने आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
जेएनएन, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मिली करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विधायकी पर खतरा मंडरा रहा है। पूर्व सीएस के भतीजे ने ही उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। दरअसल, बघेल के भतीजे और भाजपा सांसद विजय बघेल ने आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिका में पाटन विधानसभा के चुनावी नतीजे को रद्द किए जाने और भूपेश बघेल को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। इस याचिका को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने भूपेश बघेल के अलावा चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया है।
मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को
हाई कोर्ट मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को करेगा। सांसद विजय बघेल ने पाटन विधानसभा से भूपेश बघेल के खिलाफ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश को जीत मिली थी।
चुनाव प्रचार के नियमों का उल्लंघन किया
विजय बघेल ने याचिका में कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल ने चुनाव प्रचार के नियमों का उल्लंघन किया था। प्रचार थमने के बाद भी उन्होंने केसरा गांव में रैली निकाली थी। विजय बघेल ने कोर्ट में सबूत भी पेश किए हैं।
चुनाव आयोग की गाइडलाइन का दिया हवाला
दायर की गई याचिका में चुनाव आयोग की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा गया है कि आयोग के प्रविधान में यह स्पष्ट है कि किसी भी उम्मीदवार को वोटिंग के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पहले की अवधि के भीतर किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बैठक या जुलूस निकालने, सभा आयोजित करने, सभा में शामिल होने या संबोधित करने की मनाही है।
धारा 126 का उल्लंघन
आगे कहा गया है कि 16 नवंबर, 2023 को तत्कालीन सीएम और पाटन विधानसभा सीट के विधायक प्रत्याशी रहे भूपेश बघेल ने रैली निकालने के साथ में रोड शो में भी हिस्सा भी लिया था। यह धारा 126 का उल्लंघन है। इस रैली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ में कई सरकारी कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों ने तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल की मदद की थी।
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