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    URL बदलकर चल रहा सट्टेबाजी का धंधा, 700 से अधिक साइटों पर सरकार की नजर; जल्द होगा एक्शन?

    साइबर विशेषज्ञों के अनुसार ऑनलाइन सट्टा कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए बैंक खातों पर नकेल कसना प्रभावी विकल्प हो सकता है। अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन संचालित समन्वय पोर्टल म्यूल अकाउंट (दूसरे के नाम खाता खोलकर उससे लेनदेन करना) की निगरानी कर रहा है। ऑनलाइन सट्टे के रुपयों के लेनदेन के लिए बड़े पैमाने पर बैंक खातों की जरूरत पड़ती है

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sun, 23 Mar 2025 11:30 PM (IST)
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    यूआरएल ब्लॉक होते ही दूसरा जनरेट कर लेते हैं धंधेबाज (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जेएनएन, भिलाई। विदेश के दुबई और अन्य शहरों से सट्टे का ऑनलाइन धंधा चलाने वाले कार्रवाई होते तुरंत उसका तोड़ निकाल कर जांच एजेंसियों के समक्ष चुनौती पेश कर रहे हैं। दरअसल एक यूआरएल ब्लॉक होते वे दूसरा जनरेट कर गेमिंग प्लेटफॉर्म को उस पर शिफ्ट कर देते हैं और उनका धंधा बदस्तूर चलता रहता है।

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    ताजा जानकारी के अनुसार जीएसटी महानिदेशालय ने 357 अवैध गेमिंग साइट को ब्लॉक कर रखा है, जबकि उसे 700 से अधिक ऐसी साइटों का पता चला है, जिन पर सट्टेबाजी चल रही है। अब उन सभी साइटों की निगरानी शुरू की गई है।

    पहले भी हुई थी कार्रवाई

    बता दें कि इसके पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पूर्व केंद्र ने 32 अवैध गेमिंग साइट को ब्लॉक किया था। इसमें महादेव बुक, रेड्डी अन्ना, फेयरप्ले, महाकाल बुक, लोटस, विन बज सहित कई साइटें शामिल थीं।

    उस समय भी विदेश में बैठे सट्टा संचालकों ने दूसरा यूआरएल बना कर गेमिंग साइट को वहां शिफ्ट कर दिया था। इसके चलते इस अवैध कारोबार पर फर्क नहीं पड़ा। सभी गेमिंग साइट जीएसटी चोरी कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रही थीं।

    खातों पर नकेल कसना प्रभावी विकल्प

    • दुर्ग के एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि ऑनलाइन सट्टा एप के संचालन की रीढ़ की हड्डी म्यूल अकाउंट है और उसके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है। जीएसटी महानिदेशालय ने कार्रवाई की है।
    • जिन साइटों की निगरानी की जा रही है, उससे संबंधित कोई निर्देश मिलता है तो उस हिसाब से भी कार्रवाई की जाएगी। यदि इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाना हो तो म्यूल अकाउंट को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई जरूरी है।
    • अक्टूबर 2024 में महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल ने दुबई में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके भारत प्रत्यर्पण के लिए विदेश मंत्रालय ने डोजियर दुबई भेजा था, जिसमें ईडी की कार्रवाई के साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई का पूरा विवरण शामिल है। उस पर अब भी प्रक्रिया जारी है।

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