India's Foreign Exchange: अन्य देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में भारत, विदेशी मुद्रा भंडार का कोई संकट नहीं
देश के मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार को लेकर भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि देश की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत के पास आवश्यक विदेशी मुद्रा है। साल 2030 तक भारत की स्थिति को लेकर पीयूष गोयल ने भरोसा जताया है।
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा है कि भारत के पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार है। अगले पांच-छह सालों तक देश किसी भी खराब स्थिति का सामना करने में सक्षम है। देश की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।
विदेशी मुद्रा में कितना आया उछाल?
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, 12 मई तक समाप्त हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स किटी) 3.553 बिलियन डॉलर बढ़कर 599.529 बिलियन डॉलर हो गया है। पिछले दो हफ्ते में विदेशी मुद्रा 11.7 बिलियन डॉलर का उछाल आया है। 5 मई को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी भंडार 595.97 अरब डॉलर है।
पीयूष गोयल ने सीआईआई के वार्षिक सत्र का संबोधन करते हुए कहा कि सरकारी मदद से महंगाई के प्रबंधन में काफी मदद मिली है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि आरबीआई ने इसे मान्यता दी है और पिछली एमपीसी (Monetary Policy Committee) की बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है।
कितना मजबूत है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा को लेकर पीयूष गोयल ने कहा कि देश के पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से भारत खराब स्थिति में भी अगले पांच-छह साल तक अपनी जरूरतों को पूरा कर सकता है। दुनिया के बाकी विकासशील देश ऐसी स्थिति में नहीं हैं। यह पहली बार है, जब कारोबारी ब्याज दरों को विकसित देशों के बराबर देखा जा रहा है।
पीयूष गोयल ने क्या कहा?
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योग में निवेश के लिए, विकास के लिए और हमारी अंतरराष्ट्रीय पहुंच का विस्तार करने के लिए, प्रौद्योगिकी लाने के लिए, देश में नवाचार लाने का एक अच्छा अवसर है। भारत के व्यापारिक साझेदार चाहते हैं कि भारत मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के लिए तेजी से बातचीत करें।
भारत वर्तमान में कनाडा, ईएफटीए (European Free Trade Association), यूके और ईयू (European Union) सहित देशों के साथ ऐसे समझौतों पर बातचीत कर रहा है।
पीयूष गोयल ने कहा कि
यह वैश्विक व्यवस्था में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। एफटीए दो तरफा यातायात हैं। मुझे बहुत दुख होता है जब मुझे कभी-कभी कहा जाता है कि मैं (उद्योग) यूरोपीय संघ के बाजार तक पहुंच चाहता हूं, लेकिन कृपया उन्हें हमारे बाजार में आने की अनुमति न दें। इसी के साथ उन्होंने कहा कि पुराने दिन गए। यह एक नया भारत है। यह एक ऐसा भारत है, जो पूरी ताकत से और पूरे विश्वास के साथ दुनिया के साथ जुड़ता है।
मंत्री ने 2030 तक 2 ट्रिलियन अमरीकी डालर मूल्य के सामान और सेवाओं के निर्यात को हासिल करने का भरोसा भी जताया है। उन्होंने उद्योगों को खुले दिमाग से बाजारों का विस्तार करने और दुनिया के साथ जुड़ने का सुझाव दिया है।
उद्योग को आगे बढ़ाने का सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में हमारे निर्यात बास्केट में वह सब कुछ होना चाहिए जो दुनिया चाहती है।