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    Pakistan Economic Crisis: कर्ज के दलदल में इस तरह फंसा पाकिस्तान, आतंकवाद और चीन प्रेम ने डुबोई लुटिया

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Fri, 10 Mar 2023 07:00 PM (IST)

    Pakistan Economic Crisis आज के समय में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ लगभग दुनिया के हर देश से कर्ज की गुहार लगा रहा है। हम अपनी रिपोर्ट में जानेंगे कि पाकिस्तान कैसे इस स्थिति में पहुंचा। (जागरण ग्राफिक्स)

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    Pakistan Economic Crisis: Inflation, Debt, GDP Gworth Rate of Pakistan

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Pakistan Economic Crisis: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों कर्ज के जाल में फंसा हुआ है। पाकिस्तान के पास न तो विदेशी आयात के भुगतान का पैसा है और न ही कर्ज चुका पा रहा है। वहीं, रूस युद्ध के कारण बढ़ती हुई कच्चे तेल की कीमत ने इस स्थिति ने अधिक गंभीर बना दिया है। बैंक ऑफ पाकिस्तान ने जनवरी में जानकारी दी थी कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 साल के न्यूनतम स्तर 3.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह केवल इतनी राशि थी, जिसकी मदद से पाकिस्तान कुछ ही महीने का विदेशी आयात का भुगतान कर सकता था।

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    चीन ने कर्ज के जाल में फंसाया

    अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund (IMF)) के अनुसार, पाकिस्तान ने अपने कुल कर्ज का 30 प्रतिशत चीन से लिया है, जो कि आईएमएफ से लिए गए कर्ज का तीन गुना है। वर्ल्ड बैंक एवं एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा पाकिस्तान को दिए गए कुल कर्ज से भी अधिक है। 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान पर कुल जीडीपी का 77.80 प्रतिशत कर्ज है।

    पाकिस्तान पर MNC कंपनियों को भरोसा नहीं

    पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब होने का सबसे बड़ा असर वहां के निर्यात पर पड़ा है। MNC कंपनियां पाकिस्तानी कंपनियों को ऑर्डर देने में संकोच कर रही हैं। यहीं हाल पाकिस्तान के आयात का है। हाल में दिग्गज जापानी ऑटो होंडा ने पाकिस्तान में अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया है।

    पाकिस्तानी में नहीं थम रही गिरावट

    पाकिस्तान में कम होती आर्थिक गतिविधियों का असर वहां की मुद्रा पर भी देखा जा रहा है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान रुपये में लगातार गिरावट आती जा रही है। अकेले 2022 में डॉलर के मुकाबले रुपया 26 प्रतिशत गिरा था। फिलहाल डॉलर के मुकाबल पाकिस्तानी रुपया 275 के करीब है, जो कि जनवरी 2022 में 155 के आसपास था। पाकिस्तान कर्ज न चुकाने की स्तिथि को देखते हुए माना जा रहा है कि पाकिस्तानी रुपये में और गिरावट आ सकती है।

    धीमी होती विकास की रफ्तार और बढ़ती महंगाई

    पाकिस्तान में एक तरफ तो विकास की रफ्तार धीमी होती चली जा रही है। वहीं महंगाई बढ़ती जा रही है। आंकड़ों की बात करें, 2023 में पाकिस्तान की विकास दर 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। 2022 में औसत महंगाई दर 20 प्रतिशत के करीब थी। 2023 में भी पाकिस्तान में महंगाई बढ़ती हुई दिखाई दे रही है और जनवरी 2023 में यह 27.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है।