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    अर्थव्यवस्था में विकास दर को बनाए रखने के लिए बहुआयामी नीति की जरूरत: RBI डिप्टी गवर्नर

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Mon, 12 Jun 2023 01:53 PM (IST)

    लोनावला में एशिया KLEMS कॉन्फ्रेंस में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एमडी पात्रा ने कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को विकास दर बढ़ाने के लिए सर्विस सेक्टर की क्षमताओं का उपयोग करना होगा। इनोवेटिव इकोसिस्टम बनाना होगा। (जागरण फाइल फोटो)

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    डिप्टी गवर्नर ने टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एमडी पात्रा की ओर से एक बहुआयामी पॉलिसी की वकालात की गई है जिससे देश में एक साथ प्रोडक्टिविटी और ग्रोथ को बढ़ाया जा सके, जब अर्थव्यवस्था को कई फैक्टर्स प्रभावित कर रहे हो।

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    उन्होंने अपने बयान में कहा कि टेक्नोलॉजी कैपिटल को बढ़ाने और रिसर्च में लॉन्ग टर्म इन्वेमेंट बढ़ाने की आवश्यकता है। ट्रेनिंग के जरिए स्किल डेवलपमेंट और इनोवेटिव इकोसिस्टम बनाने की आवश्यकता है।

    सर्विस सेक्टर की क्षमता का उपयोग करना होगा

    लोनावला में एशिया KLEMS कॉन्फ्रेंस में रविवार को संबोधन देते हुए कहा कि विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को सर्विस सेक्टर की क्षमता का उपयोग करके अपने देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना होगा।

    आगे उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रोडक्टिविटी ग्रोथ के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करना बेहद जरूरी है।

    लागत को कम करना जरूरी

    उन्होंने आगे कहा कि आईसीटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए ट्रेड की लागत जैसे शिपिंग में आने वाला खर्च,

    लॉजिस्टिक में कमी आएगी। नियमों में बदलाव के जरिए प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा दिया जाएगा।

    वहीं, केंद्रीय बैंकों का काम मैक्रो इकोनॉमिक ट्रेड को देखना और अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करना है। प्रोडक्टिविटी को लेकर बेहतर समझ होने के कारण बिजनेस साइकिल को भी अच्छे से समझ पाएंगे और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को भी इससे सहारा मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था में विश्वास लौटेगा और पैसे का फ्लो बढ़ेगा।

    आरबीआई ने रेपो रेट रखी स्थिर

    आरबीआई की ओर से जून की मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दर को नहीं बढ़ाया गया है। रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा। अप्रैल की मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था। इससे पहले रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी, जिसके कारण रेपो रेट 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गया था।