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    skill development: पहचानें अपने भीतर का कौशल, ये स्किल आएंगे आपके बहुत काम

    By Jagran NewsEdited By: Dheerendra Pathak
    Updated: Fri, 14 Oct 2022 05:23 PM (IST)

    देश में कई एडटेक कंपनियां आ गई हैं जो घर बैठे अनेक प्रोफेशनल और स्किल ओरिएंटेड कोर्स आफर कर रही हैं। अब आप देश के किसी भी कोने में बैठकर खुद को किसी भी फील्ड में एक्सपर्ट बना सकते हैं। बस जरूरत है एक स्मार्टफोन/लैपटाप और अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की।

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    आज के समय में हर कंपनी या संस्थान खुद के प्रमोशन के लिए डिजिटल मार्केटर को प्राथमिकता दे रहे हैं।

    विवेक कुमार सिंह। अक्सर दूरदराज के क्षेत्रों तक कौशल विकास की शिक्षा नहीं पहुंच पाती है, जिसके कारण वहां के युवाओं को जाब ढूंढ़ने के लिए ज्‍यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और वे अक्सर कम वेतन के साथ छोटे काम करते हैं। अगर आप भी 12वीं या ग्रेजुएशन कर चुके हैं लेकिन आपको समझ नहीं आ रहा है कि आप किस दिशा में अपने करियर को ले जाएं, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। देश में कई एडटेक कंपनियां आ गई हैं, जो आपको घर बैठे अनेक प्रोफेशनल और स्किल ओरिएंटेड कोर्स आफर कर रही हैं। अब आप देश के किसी भी कोने में बैठकर खुद को किसी भी एक फील्ड में एक्सपर्ट बना सकते हैं। बस जरूरत है एक स्मार्टफोन/लैपटाप और अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की।

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    बेहतरीन करियर बनाने के लिए करें ऐसे स्किल डेवलपमेंट कोर्स

    डिजिटल मार्केटिंग: डिजिटल युग के इस दौर में डिजिटल मार्केटिंग स्किल्स की काफी डिमांड देखने को मिल रही है। आज के समय में हर कंपनी या संस्थान खुद के प्रमोशन के लिए डिजिटल मार्केटर को प्राथमिकता दे रहे हैं। डिजिटल मार्केटिंग कोर्स का स्कोप दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है, खासकर ई-कामर्स, आइटी या मीडिया जैसे कई संस्थानों में इन प्रोफेशनल की काफी मांग है।

    प्रोग्रामिंग: प्रोग्रामिंग अलग-अलग निर्देशों का एक समूह है, जो कंप्यूटर को उसकी जरूरत के अनुसार स्वचालित और सटीक ढंग से चलने मे मदद करता है। इसके दो प्रकार हैं-सिस्टम प्रोग्राम और एप्लीकेशन प्रोग्राम। किसी भी कंप्यूटर को स्टार्ट करने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले आपरेटिंग सिस्टम को सिस्टम साफ्टवेयर कहते हैं। एप्लीकेशन प्रोग्राम कंप्यूटर के अलग-अलग कार्य को करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। एक एप्लीकेशन प्रोग्रामर मार्केट के हिसाब से नये एप्लीकेशन बनाता और पुराने एप्लीकेशन को समय के साथ अपडेट करता है, वह प्रोग्रामिंग द्वारा एक बार जो प्रोसेस मशीन में सेट कर देता है, उसके बाद मशीन उसके अनुसार ही चलती है। सर्विस इंडस्ट्री, टेलीकाम कंपनियां, इंजीनियरिंग कंपनियां, साफ्टवेयर डेवलपर कंपनियां या फिर कंप्यूटर और आइटी कंसल्टेंसी फर्म आदि में ऐसे प्रोफेशनल्स की काफी आवश्यकता है।

    फारेन लैंग्वेज: आजकल के दौर में बहुराष्ट्रीय कंपनियां ऐसे लोगों की तलाश में हैं जिन्‍हें फारेन लैंग्वेज यानी विदेशी भाषा आती हो। देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे सैमसंग, हुंडई, एचपी, एवेंटिस, एसएनवीए वेंचर्स आदि विदेशी भाषा के विशेषज्ञों को नियुक्त करती हैं। फारेन लैंग्वेज में ए-1, ए-2 व बी-1, बी-2 लेवल के कोर्स किए हुए कैंडिडेट्स की मार्केट में बहुत डिमांड है। यदि कैंडिडेट्स केवल ए-2 लेवल तक के कोर्स भी कर लें, तो जाब आसानी से मिल सकती है। प्रदर्शनियों और मेलों, एयरलाइंस, एक्‍सपोर्ट एजेंसीज, ट्रैवेल एजेंसीज, टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री, होटल इंडस्‍ट्री, बिजनेस हाउसेज आदि में विदेशी भाषा के विशेषज्ञों के लिए रोजगार के काफी अवसर हैं| इन्‍हें अच्छे वेतन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जैसे कि रोमांचक अनुभव, विदेश भ्रमण के अवसर, किसी भी जगह पर रहकर काम कर पाने की सहूलियत आदि।

    डाटा साइंस: डाटा साइंस आज बेहद तेजी से उभरते हुए करियर विकल्‍पों में से एक है। इस फील्ड में शानदार करियर बनाने के लिए डाटा स्टडी और उसे सुलझाने की कला का ज्ञान होना आवश्यक है। इसके लिए कंप्‍यूटर साइंस, डाटा प्रोसेसिंग, स्‍टेटिस्टिकल रिसर्च, मशीन लर्निंग, मैथ और डोमेन एक्सपर्टीज जैसे स्किल्स की जरूरत पड़ती है। टेक्नोलाजी की बढ़ती ग्रोथ के साथ डाटा साइंस का दायरा भी बढ़ रहा है, इससे संबंधित कोर्स करने के बाद अच्छी कंपनियों में लाखों की पैकेज वाली जाब आसानी से मिल जाती है।

    साइबर सिक्योरिटी: साइबर सिक्योरिटी एक प्रकार की सुरक्षा है जो इंटरनेट से जुड़े हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर डाटा को सिक्योर बनाता है। यह किसी भी प्रकार के डाटा की चोरी को होने से रोकता है और सभी दस्तावेज और फाइल्स को सुरक्षित रखता है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स नेटवर्क, कंप्यूटर सिस्टम, प्रोग्राम को सिक्योर रखने के साथ-साथ डाटा की चोरी, उसके डिलीट होने या किसी भी डिवाइस को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास करने के बाद कंप्यूटर साइंस में बीटेक या फिर एमटेक जैसे कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा स्पेशलाइजेशन के लिए सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स भी किये जा सकते हैं, जैसे सर्टिफाइड इंफार्मेशन सिस्टम्स सिक्योरिटी प्रोफेशनल (सीआइएसएसपी), साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल, सीआइएसए सर्टिफिकेशन ट्रेनिंग आदि।

    विवेक कुमार सिंह

    को-फाउंडर व सीईओ, करियरएरा