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    PPO नंबर क्या है? इसकी जरूरत क्यों है? और, इसे कैसे पता करें? पैसों से जुड़ा है मामला, जानें सबकुछ

    By Lakshya KumarEdited By:
    Updated: Tue, 15 Feb 2022 02:28 PM (IST)

    PPO Number For Pension In EPF कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक पेंशनभोगी को एक विशिष्ट पेंशन भुगतान आदेश (PPO) संख्या दी जाती है। यह 12 अंकों का होता है जो पेंशन के संदर्भ में सभी संचार के काम आता है।

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    PPO नंबर क्या है? इसकी जरूरत क्यों है? और, इसे कैसे पता करें? पैसों से जुड़ा है मामला, जानें सबकुछ

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक पेंशनभोगी को एक विशिष्ट पेंशन भुगतान आदेश (PPO) संख्या दी जाती है। यह 12 अंकों का होता है, जो पेंशन के संदर्भ में सभी संचार के काम आता है। केंद्रीय पेंशन खाता कार्यालय के अनुसार, "प्रत्येक PPO के पहले पांच अंक PPO जारी करने वाले प्राधिकरण के कोड नंबर का दर्शाते हैं, इसके बाद के दो अंक जारी करने के वर्ष को दर्शाते हैं और अगले चार अंक PPO की अनुक्रमिक संख्या को इंगित करते हैं, जिसमें अंतिम अंक कंप्यूटर चेक डिजिट के रूप में होता है।"

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    पेंशन के लिए आवेदन करते समय और अपना वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करते समय पीपीओ नंबर की आवश्यकता होती है। अगर किसी को अपना पीपीओ नंबर नहीं पता है तो पीएफ खाते को एक बैंक की शाखा से दूसरी बैंक शाखा में स्थानांतरित करना समस्याग्रस्त हो सकता है। ऐसे में आपको अपने पीपीओ नंबर का पता होना चाहिए।

    अपना पीपीओ नंबर कैसे पता करें?

    • www.epfindia.gov.in पर लॉग ऑन करें।
    • ऑनलाइन सेवा से पेंशनभोगी पोर्टल पर क्लिक करें।

    • अब Pensioner's Portal खुलेगा।

    • यहां Know your PPO number पर क्लिक करें।

    • अपना बैंक खाता नंबर या पीएफ नंबर दर्ज करें।

    • प्रासंगिक जानकारी दर्ज करने के बाद आपको अपना पीपीओ नंबर, साथ ही आपकी सदस्य आईडी और पेंशन का प्रकार प्राप्त होगा।

    बता दें कि कर्मचारी हर महीने अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% अपने ईपीएफ खाते में योगदान देता है, और नियोक्ता भी कर्मचारी के 12% के योगदान के बराबर ही योगदान देता है। नतीजतन, कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के कुल 24% के बराबर उसके ईपीएफ खाते में चला जाता है।

    कर्मचारी का हिस्सा (यानी 12%) और नियोक्ता का 3.67% ईपीएफ खाते में जाता है, जबकि नियोक्ता का शेष 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) खाते में जाता है।