कम मूल्य वाले UPI लेनदेन से होगा बड़ा फायदा, इंसेंटिव पर नहीं लगेगा कोई GST
BHIM-UPI सरकार की ओर से जीएसटी कमीशनरों को भेजे गए एक पत्र में स्पष्ट किया गाया है कि सरकार द्वारा दिया जाने वाला इंसेंटिव सीधे सेवा की कीमत से जुड़ी सब्सिडी के दायरे में आता है। इस कारण जीएसटी नहीं लगाया जा सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रुपे डेबिट कार्ड से लेनदेन (RuPay Debit Card) और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (BHIM UPI transactions) को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी की ओर से दिए जाने वाले इंसेंटिव पर जीएसटी नहीं लगेगा। वित्त मंत्रालय की ओर से ये जानकारी दी गई। पिछले हफ्ते रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए 2600 करोड़ रुपये इंसेंटिव के रूप में केंद्रीय कैबिनट की से मंजूर किए गए थे।
बता दें, देश में कम मूल्य वाले यूपीआई लेनदेन (2000 रुपये तक) और रुपे डेबिट कार्ड को बढ़ावा देने के लिए, सरकार की ओर से इन दोनों माध्यमों के जरिए होने वाले लेनदेन का एक निश्चित प्रतिशत इंसेंटिव के रूप में बैंकों को दिया जाता है।
यूपीआई से लेनदेन करने नहीं लगता चार्ज
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (The Payments and Settlements Systems Act, 2007) के नियमों के मुताबिक, रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआई से लेनदेन करने पर कोई भी बैंक या फिर सिस्टम प्रोवाइडर किसी भी तरह का चार्ज नहीं ले सकता है।
मंत्रालय की ओर से जीएसटी कमीशनरों को भेजे गए एक सर्कुलर में कहा गया है कि सरकार द्वारा दिया जाने वाला इंसेंटिव सीधे सेवा की कीमत से जुड़ी सब्सिडी के रूप में है। और यह जीएसटी के प्रावधानों के मद्देनजर लेनदेन के कर योग्य मूल्य का हिस्सा नहीं है। इसके साथ परिषद की ओर से दी गई सिफारिशों में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)की ओर से दिए गए इंसेंटिव पर जीएसटी नहीं लगेगा।
तेजी से लोकप्रिय हो रहा यूपीआई
2016 में लॉन्च होने के बाद यूपीआई देश में तेजी से लोकप्रिय हुआ है। अकेले दिसंबर में 782.9 करोड़ यूपीआई लेनदेन हुए थे और इसकी वैल्यू करीब 12.82 लाख करोड़ रुपये था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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