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    Go First ने फिर खटखटाया NCLT का दरवाजा, दिवालिया घोषित करने की अर्जी पर जल्द निर्णय की अपील

    Go First एयरलाइन ने NCLT के कहा है कि उसकी दिवालियापन की अर्जी पर जल्द निर्णय लिया जाए। गोफर्स्ट एयरलाइन पर करीब 11463 करोड़ रुपये की देनदारी है और संचालन भी पूरा तरह से बंद हो चुका है। (जागरण फाइल फोटो)

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 08 May 2023 03:04 PM (IST)
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    Go First requests NCLT to take early decision on its voluntary insolvency resolution plea

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Go First Airline Crisis: संकट में फंसी गो फर्स्ट एयरलाइन की ओर से सोमवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (National Company Law Tribunal/ NCLT) से आग्रह किया गया कि कंपनी द्वारा दायर किए गए स्वैच्छिक दिवालियापन के आवदेन पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए, क्योंकि एयरलाइन के विमानों का पंजीकरण रद्द किया जाना शुरू कर दिया गया है। बता दें, इससे पहले 4 मई को सुनवाई करते हुए एनटीएलटी ने अपने आदेश को रिजर्व रख लिया था।

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    सुनवाई के लिए माना NCLT

    कंपनी की ओर से ट्रिब्यूनल को दिए आवेदन में कहा गया है कि जल्द से उसकी दिवालियापन की अर्जी पर कोई निर्णय लिया जाए, क्योंकि एयरलाइन को विमान लीज पर देने वाली कंपनियों ने करीब 20 विमान का पंजीकरण रद्द करने के लिए डीजीसीए को एप्रोच किया है। इस कारण NCLT जल्द सुनवाई के लिए मान गया है। 

    ग्राउंड हुई गो फर्स्ट एयरलाइन

    2 मई को गोफर्स्ट एयरलाइन की ओर से अपनी सभी उड़ानों को 5 मई तक के लिए यह कहते हुए रद्द कर दिया गया था कि कंपनी के पास संचालन के लिए पैसे नहीं है और फिर से 12 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया।

    कंपनी पर कर्ज

    गोफर्स्ट एयरलाइन पर करीब 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी है। इसमें वेंडर्स का 3,856 करोड़ रुपये का डिफॉल्ट शामिल है। वहीं, कंपनी को विमान लीज पर देने वाली कंपनियों के 2,600 करोड़ रुपये बकाए हैं।

    विमान लीज पर देने वाली कंपनियां गोफर्स्ट की ओर से दी गई दिवालिया अर्जी का विरोध कर रही हैं और इसे खतरनाक बता रही है।

    गोफर्स्ट एयरलाइन

    गोफर्स्ट एयरलाइन करीब 17 सालों से विमान सेवा का संचालन कर रहा है। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, उसके पास 59 विमानों का बेड़ा है। प्रतिदिन करीब 200 उड़ानों का संचालन करती थीं।