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    Go First के बाद स्‍पाइसजेट के खि‍लाफ दायर हुई दिवाला याचिका, 8 मई को सुनवाई करेगा NCLT

    स्पाइसजेट के प्रवक्ता का कहना है एयरलाइन के बेड़े में फिलहाल इस कंपनी से लीज पर लिया गया कोई भी विमान शामिल नहीं है और इस घटनाक्रम से उनकी उड़ानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी से लीज पर लिए गए सभी विमान पहले ही वापस कर दिए गए हैं।

    By AgencyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 05 May 2023 10:59 PM (IST)
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    याचिका 28 अप्रैल को दायर की गई और इस पर 8 मई को सुनवाई की जाएगी।

    नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत के एयरलाइन क्षेत्र में गो फर्स्ट के बाद अब स्पाइसजेट भी मुश्किलों का सामना कर रही है। स्पाइसजेट के एक लेनदार ने एयरलाइन के खिलाफ दिवाला समाधान कार्यवाही की याचिका दायर की है। राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) अगले सप्ताह इस याचिका पर सुनवाई करेगा।

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    बता दें कि इससे पहले नकदी का संकट झेल रही गो फर्स्ट ने अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं और स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के लिए अर्जी दायर की है। स्पाइसजेट के खिलाफ विमान लीज पर देने वाली एयरकैसल (आयरलैंड) लिमिटेड ने दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने की याचिका दायर की है। ट्रिब्यूनल की वेबसाइट के अनुसार, यह याचिका 28 अप्रैल को दायर की गई और इस पर 8 मई को सुनवाई की जाएगी।

    शेयर मूल्यों में दो फीसदी की गिरावट

    स्पाइसजेट के प्रवक्ता का कहना है कि एयरलाइन के बेड़े में फिलहाल इस कंपनी से लीज पर लिया गया कोई भी विमान शामिल नहीं है और इस घटनाक्रम से उनकी उड़ानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनी से लीज पर लिए गए सभी विमान पहले ही वापस कर दिए गए हैं। प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि यह मामला अदालत के बाहर ही सुलझा लिया जाएगा। बहरहाल दिवालिया याचिका का कंपनी के शेयर मूल्यों पर असर पड़ा है। स्पाइसजेट के शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 2 फीसदी गिरकर 31.93 रुपए पर बंद हुए।

    कर्ज के बदले हिस्सेदारी देगी स्पाइसजेट

    एनसीएलटी की वेबसाइट के मुताबिक, स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला समाधान की दो अन्य याचिकाएं भी लंबित हैं। इनमें से एक याचिका विलिस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने 12 अप्रैल को और दूसरी एकर्स बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड ने 4 फरवरी को दायर की है। फरवरी में स्पाइसजेट ने अपने लेनदार कार्लाइल एविएशन पार्टनर्स द्वारा बकाया देय राशि के बदले एयरलाइन में 7.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की जानकारी दी थी। इससे एयरलाइन अपना 10 करोड़ अमरीकी डॉलर का ऋण कम कर पाएगी। उधर, एनसीएलटी ने गुरुवार को गो फर्स्ट की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।