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    Germany Reccesion: भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिख सकता है जर्मनी की मंदी का असर, ये सेक्टर होगा सबसे अधिक प्रभावित

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth Priyadarshi
    Updated: Mon, 29 May 2023 12:06 PM (IST)

    Germany Reccesion दुनिया के चौथे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में मशहूर जर्मनी अब आर्थिक मंदी का सामना कर रही है। क्या इस मंदी का असर क्या भारत पर भी पड़ेगा? आइए जानते हैं कि कौन-सा सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होगा?

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    Germany reccesion will impact the indian economy

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Germany Economy Entered Recession: यूरोप का विकास इंजन कहे जाने वाले जर्मनी ने मंदी के दौर में प्रवेश किया है। जर्मनी को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भी पहचाना जाता था। जर्मनी के 2023 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 0.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

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    पिछले साल की चौथी तिमाही में 0.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। जर्मनी में सकल घरेलू उत्पाद में दो तिमाहियों से गिरावट हो रही है। इस वजह से अर्थव्यवस्था में अस्थिरता आ गई है। जिसके चलते जर्मनी में मंदी का दौर शुरू हो गया है।

    जर्मनी की अर्थव्यवस्था में कितनी गिरावट आई है?

    जर्मनी की इकोनॉमी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। देश में पिछले दो तिमाहियों से घरेलू उत्पाद में गिरावट दर्ज की गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2023 के पहली तिमाही महीने में 1.2 फीसदी का गिरावट देखने को मिली है। इसी के साथ सरकारी खर्च में भी 4.9 फीसदी की गिरावट हुई है।

    गुरुवार को जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर ने कहा कि घरेलू उत्पाद के आंकड़ों ने आश्चर्यजनक रूप से नकारात्मक संकेत दिखाए हैं। बाकी अर्थव्यवस्था में विकसित देशों की तुलना में जर्मनी की अर्थव्यवस्था पिछड़ती नजर आ रही है।

    देश अपने औद्योगिक क्षेत्र की ऊर्जा जरूरतों को स्थायी रूप से पूरा करने में भी विफल रहा है। इसी के साथ देश में रुसी ईंधन की भी आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। देश में राजनीतिक और व्यापारिक वर्ग को भी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांक,  स्कोल्ज़ प्रशासन ने 2030 तक 625 मिलियन सौर पैनल और 19,000 पवन टर्बाइन स्थापित करने की योजना तैयार की है। लेकिन यह योजना भी बढ़ती मांग का सामना करने में विफल है। देश में लगभग हर चीज (हीटिंग से लेकर परिवहन तक) का विद्युतीकरण किया जा रहा है।

    जर्मनी मंदी का भारत पर क्या असर पड़ेगा?

    जर्मनी अर्थव्यवस्था में मंदी निश्चित रूप से भारतीय निर्यात को प्रभावित कर रही है। भारत से सबसे ज्यादा परिधान, जूते और चमड़े के सामान का निर्यात होता है। ऐसे में इन क्षेत्रों पर असर पड़ेगा।

    कई निर्यातक इस मंदी के नतीजों के बारे में चिंता व्यक्त कर रहे हैं। आर्थिक मंदी का प्रभाव जर्मनी के साथ-साथ अन्य यूरोपीय देशों पर भी पड़ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि जर्मनी में आर्थिक मंदी का असर उत्पादों, रसायनों और हल्के इंजीनियरिंग वस्तुओं पर देखने को मिलेगा। जर्मनी में आर्थिक मंदी का वजह से भारतीय निर्यात में भी गिरावट आ सकती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, भारत का निर्यात 10.2 बिलियन अमरीकी डॉलर था। मंदी की वजह से इस आंकड़े में गिरावट आने की उम्मीद है।