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    Union Budget 2023 से पहले वित्त मंत्री का बयान, 5 लाख तक की आय पर कोई नया टैक्स नहीं; जानें और क्या कहा

    Union Budget 2023 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले एक इंवेट में नए टैक्स लगाने को लेकर बयान दिया है। इसके साथ उन्होंने मोदी सरकार की ओर से मध्यम वर्ग को लेकर किए जा रहे कामों को गिनाया।

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 16 Jan 2023 12:50 PM (IST)
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    Central Budget 2023: Finance Minister Nirmala Sitharaman statement before budget on new tax

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क।  वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश होने में कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है, लेकिन इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक इवेंट बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वे भी एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं और उनका दर्द समझ सकती हूं। सरकार की ओर से अब तक पांच लाख रुपये से कम कमाने वाले लोगों पर कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया।

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    बता दें, ये इवेंट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पत्रिका पाञ्चजन्य द्वारा आयोजित किया गया था। इसके साथ उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग के जीवन को आसान करने के लिए स्मार्ट शहरों का निर्माण और मेट्रो रेल नेटवर्क विकसित करने जैसे कई उपाय किए हैं।

    पूंजीगत खर्च बढ़ा रही सरकार

    वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2020 के बजट से सरकार लगातार अपने पूंजीगत खर्च को बढ़ा रही है और चालू वित्त वर्ष में ये 35 प्रतिशत बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसके साथ केंद्र सरकारी बैंकों की आर्थिक सेहत सुधारने और एनपीए कम करने के लिए कई बिंदुओं पर कार्य कर रहा है।

    मुफ्त राजनीतिक घोषणाओं पर निशाना साधा

    राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव के दौरान की जाने वाली मुफ्त घोषणाओं पर इवेंट में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें (राजनीतिक दलों को) पूछना चाहिए कि क्या चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा किए गए वादे राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए पूरे किए जा सकते हैं।

    अर्थव्यवस्था में आए महत्वपूर्ण बदलाव

    मोदी सरकार की ओर से किए गए आर्थिक सुधारों के बारे में बताते हुए कहा कि 2013 में भारत दुनिया की 'फ्रैजाइल फाइव' अर्थव्यवस्थाओं में से एक था। 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिसके कारण यह अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। डॉलर की तुलना में रुपये में उतार-चढ़ाव के बावजूद लोगों का मानना ​​है कि भारत में एक स्थिर सरकार है और नीतियों में कोई असंतुलन नहीं है। डॉलर को छोड़कर अन्य मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपया अच्छा कर रहा है।

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