CCI द्वारा दिए आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा Google, याचिका में कहा - प्रभावित होंगे भारतीय यूजर्स
Google की ओर से अंतरिम राहत के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इससे पहले कंपनी ने NCLAT में अपील की थी जहां से गूगल को कोई राहत नहीं मिली थी। सीसीआई ने 2200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल (Google), सीसीआई की ओर से दिए गए आदेश के खिलाफ अंतरिम राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इससे पहले नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने गूगल को किसी भी तरह की अंतिरम राहत देने से इनकार कर दिया था और याचिका को सुनने के लिए करीब दस हफ्ते बाद की तारीख दी थी।
कंपनी का कहना है कि अगर उसे अंतिरम राहत नहीं मिलती है, तो उसे 14-15 वर्षों से चली आ रही यथास्थिति में बदलाव करने होंगे और 19 जनवरी से कारोबार करने के पूरे तरीके को बदलना होगा।
गूगल की याचिका पर सोमवार को होगी सुनवाई
गूगल की ओर से दायर की गई इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (Competition Commission of India- CCI) की ओर से दिए गए आदेश का पालन करने के लिए कंपनी को अपने सभी मौजूद अनुबंधों को बदलना होगा और नया लाइसेंस एग्रीमेंट तैयार करना होगा। इसके कारण गूगल के साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाले, ऐप डेवलपर्स और भारतीय ग्राहक प्रभावित होंगे।
गूगल पर लगा 2200 करोड़ का जुर्माना
पिछले साल अक्टूबर में सीसीआई ने गूगल को प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया था और कंपनी पर करीब 2,200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसमें से 1337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना एंड्रॉयड में दबदबे की स्थिति का दुर्पयोग करने को लेकर था। देश में 97 प्रतिशत फोन एंड्रॉयड है। इसके साथ 936 करोड़ रुपये का जुर्माना प्ले स्टोर की नीतियों को लेकर था।
बता दें, एंड्रॉयड को लेकर सीसीआई ने गूगल के कहा था कि यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंपनी को ऐप को अनइंस्टॉल करने और अपने पंसद का सर्च इंजन चुनने का आजादी होनी चाहिए। वर्तमान में कोई भी अपने एंड्रॉइड फोन से गूगल मैप्स या यूट्यूब जैसे ऐप को प्री-इंस्टॉल होने पर डिलीट नहीं कर सकता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
ये भी पढ़ें-
कम मूल्य वाले UPI लेनदेन से होगा बड़ा फायदा, इंसेंटिव पर नहीं लगेगा कोई GST
Top Financial Trends: Digital Currency से लेकर Neobanks तक तेजी से लोकप्रिय हो रहे ये वित्तीय उत्पाद