Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विदेशी निवेशकों का भारत से मोहभंग, 9 माह में निकाले रिकॉर्ड ₹2 लाख करोड़; ग्लोबल मार्केट में क्यों पिछड़ रहा इंडिया?

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 04:08 PM (IST)

    Foreign Investment in India भारतीय शेयर बाजार से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) रिकॉर्ड स्तर पर पैसा निकाल रहे हैं।NSDL के मुताबिक 1 अक्टूबर 2025 तक एफपीआई ने कैश शेयरों में 2.02 ट्रिलियन रुपए की बिकवाली की है। यानी विदेशी निवेशकों ने पिछले 9 महीनों में भारतीय शेयर बाजार से 2 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा आउटफ्लो है। लेकिन इसकी बड़ी वजह क्या है?

    Hero Image
    विदेशी निवेशकों का भारत से मोहभंग, 9 माह में निकाले रिकॉर्ड ₹2 लाख करोड़।

    नई दिल्ली| Foreign Investment in India: भारतीय शेयर बाजार से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) रिकॉर्ड स्तर पर पैसा निकाल रहे हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2025 तक एफपीआई ने कैश शेयरों में 2.02 ट्रिलियन रुपए की बिकवाली की है। साफ शब्दों में कहें विदेशी निवेशकों ने पिछले 9 महीनों में भारतीय शेयर बाजार से 2 लाख करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा आउटफ्लो है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तुलना करें तो 2022 में यह आंकड़ा 1.46 ट्रिलियन और 2023 में 1.21 ट्रिलियन रुपए था। विश्लेषकों का कहना है कि यह भारी बिकवाली तब तक बाजार की रफ्तार को रोक सकती है, जब तक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) फाइनल नहीं हो जाता। निफ्टी 50 इंडेक्स बुधवार को 24,836.3 पर बंद हुआ, जो 27 सितंबर के रिकॉर्ड स्तर 26,277.35 से 5.5% नीचे है।

    भारत क्यों पिछड़ रहा है?

    डेटा के मुताबिक, 2025 में अब तक रुपया डॉलर के मुकाबले 3.5% गिरकर 88.69 पर आ चुका है। पिछले तीन साल का औसत 81.63 था। गिरता रुपया और ऊंचा वैल्यूएशन एफपीआई को भारत से दूर खींच रहा है।

    जीक्वांट इन्वेस्टेक (GQuant Investech) के संस्थापक शंकर शर्मा ने कहा,

    "ग्लोबल मार्केट्स का चेहरा बदल रहा है। स्पेन, कोरिया, साउथ अफ्रीका, मैक्सिको, पाकिस्तान और ब्राजील इस साल टॉप पर हैं। कम वैल्यूएशन और कमोडिटीज की डिमांड इसकी बड़ी वजह है।”

    शर्मा के मुताबिक, 30 सितंबर तक निफ्टी 50 29 बड़े ग्लोबल इंडेक्स में 24वें नंबर पर है। डॉलर टर्म्स में इसकी रिटर्न सिर्फ 0.3% रही। इसके मुकाबले स्पेन का IBEX 35 इंडेक्स 51.3% रिटर्न देकर नंबर वन है। साउथ कोरिया का कोस्पी 50.6%, साउथ अफ्रीका का FTSE/JSE Africa Top40 IX 46.5%, मैक्सिको का S&P BVM IPC 44.7% और पाकिस्तान का KSE-100 इंडेक्स 42.5% रिटर्न दे चुका है।

    यह भी पढ़ें- 'कॉपर बनेगा नया गोल्ड', MCX पर पहुंचा ऑल टाइम हाई; अजय केडिया बोले- सोना-चांदी नहीं, अब इसे खरीदो

    स्पेन, कोरिया और पाकिस्तान बन रहे आकर्षक

    भारत का निफ्टी 50 फिलहाल एक साल फॉरवर्ड प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) मल्टीपल पर 19.35 गुना पर ट्रेड हो रहा है। वहीं स्पेन का IBEX 35 12.95x, कोरिया का कोस्पी 10.34x और पाकिस्तान का KSE-100 सिर्फ 7.85x पर है। यानी विदेशी निवेशकों के लिए ये बाजार ज्यादा आकर्षक बन रहे हैं। एनएसई के डेटा के अनुसार, टॉप 200 कंपनियों के विव्त FY26 की अनुमानित प्रॉफिट ग्रोथ 12.1% से घटकर 11.6% रह गई है।

    तीसरी तिमाही से अर्निंग्स में हो सकता है सुधार

    सरकार के जीएसटी स्लैब में बदलाव और आरबीआई की हालिया नरम नीति से उम्मीद है कि तीसरी तिमाही से कॉरपोरेट अर्निंग्स में सुधार हो सकता है। स्वतंत्र मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा का कहना है कि, "अगर भारत और अमेरिका टैरिफ डील साइन करते हैं, तो एफपीआई फ्लो वापस लौट सकता है। इससे बाजार नए बुल रन में जा सकता है।"