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    कौन है वीरेश जोशी, 2 लाख करोड़ की कंपनी में था आला अफसर, फायदा उठाकर कर दिया 200 Cr का म्यूचुअल फंड घोटाला

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 12:44 PM (IST)

    Who is Viresh Joshi पूर्व म्यूचुअल फंड मैनेजर और चीफ डीलर वीरेश जोशी ने शेयर बाजार में फ्रंट रनिंग के जरिए 200 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया है। इस शख ...और पढ़ें

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    सरकारी एजेंसी ने पूर्व फंड मैनेजर व चीफ डीलर वीरेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया है।

    नई दिल्ली। शेयर बाजार में अक्सर इनसाइडर ट्रेडिंग, फ्रंट रनिंग और पंप एंड डंप जैसे घोटाले सामने आते रहे हैं, और निवेशकों को इन से बड़ी चपत लगी है। इस बार एक पूर्व म्यूचुअल फंड मैनेजर और चीफ डीलर ने शेयर बाजार में फ्रंट रनिंग के जरिए 200 करोड़ के म्यूचुअल फंड घोटाले (Axis MF Scam) को अंजाम दिया है। इस मामले में एक्सिस म्यूचुअल फंड के पूर्व फंड मैनेजर व चीफ डीलर वीरेश जोशी (Who is Viresh Joshi) को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।

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    सरकारी जांच एजेंसी ED ने वीरेश जोशी से 17.4 करोड़ रुपये के शेयर, म्यूचुअल फंड, बैंक बैलेंस भी जब्त किया है। ईडी के अधिकारी ने एक बयान में कहा, "वीरेश जोशी को कोर्ट ने पेशी के बाद उसे 8 अगस्त तक ईडी की हिरासत में सौंप दिया है।" सवाल है कि आखिर कौन है वीरेश जोशी और इसने कैसे फ्रंट रनिंग स्कैम को अंजाम दिया है।

    कौन है वीरेश जोशी

    वीरेश जोशी, एक्सिस म्यूचुअल फंड का पूर्व फंड मैनेजर रहा। दिसंबर 2024 में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर इसके खिलाफ जांच शुरू की गई। वीरेश जोशी पर आरोप लगाया गया था कि एक्सिस म्यूचुअल फंड के तत्कालीन फंड मैनेजर वीरेश जोशी ने एक्सिस म्यूचुअल फंड की ओर से किए जाने वाले ट्रेडों की गोपनीय जानकारी का फायदा उठाकर स्टॉक में पहले से ही ट्रेडिंग कर ली, जिससे काफी अवैध लाभ हुआ।

    2 लाख करोड़ की एसेट मैनेजमेंट कंपनी से जुड़ा था

    ईडी ने कहा, "आरोपी ने एक्सिस म्यूचुअल फंड के निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है। इस कंपनी के पास एसेट अंडर मैनेजमेंट के तहत 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।" एजेंसी ने आगे बताया कि जोशी ने विभिन्न ब्रोकर्स मिले म्यूल अकाउंट्स के जरिए फ्रंट-रनिंग ट्रेड करने के लिए दुबई स्थित एक ट्रेडिंग टर्मिनल का इस्तेमाल किया। ईडी ने कहा कि जोशी के अलावा, "कई अन्य ट्रेडर्स/ब्रोकर्स ने भी एक्सिस म्यूचुअल फंड ट्रेड्स पर एडवांस इनपुट का दुरुपयोग किया और अवैध ट्रेड मुनाफ़ा कमाने के लिए फ्रंट-रनिंग में लिप्त रहा।" ईडी का अनुमान है कि अब तक पहचाने गए व्यापारियों और दलालों द्वारा अर्जित अपराध की आय (पीओसी) 200 करोड़ रुपये से अधिक है, और जांच जारी रहने पर यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है।

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    क्या है फ्रंट रनिंग

    बता दें कि फ्रंट रनिंग या इनसाइडर ट्रेडिंग, शेयर बाजार में एक संगीन अपराध है, जिसमें कोई व्यक्ति पूर्व में मिली सूचना का फायदा उठाकर गलत तरीके से पैसा कमाता है। मसलन, फलां शेयर में आने वाले दिन में कुछ बड़ा होने वाला है, इस बात की भनक लगते ही ये लोग उस शेयर में पॉजिशन बनाकर बैठते हैं और खबर सामने आने के बाद स्टॉक बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं, ऐसे में आम निवेशकों का बड़ा नुकसान हो जाता है।

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