Tata Sons को शेयर बाजार में लिस्ट होने से बचाने के लिए Tata Trusts ने चला बड़ा दांव, SP Group होगी बाहर?
टाटा संस (Tata Sons Listing News) जो टाटा ग्रुप (Tata Group) की पैरेंट कंपनी है शेयर बाजार में लिस्ट होने से बचती रही है। आरबीआई (RBI) ने इसे अपर-लेयर एनबीएफसी नामित किया जिससे लिस्टिंग ज़रूरी हो गई। टाटा ट्रस्ट्स ने एक प्रस्ताव पास किया है कि टाटा संस को नॉन-लिस्टेड प्राइवेट कंपनी बने रहना चाहिए।

नई दिल्ली। टाटा संस (Tata Sons), जो कि टाटा ग्रुप (Tata Group) की पैरेंट ऑर्गेनाइजेशन है, काफी समय से शेयर बाजार में लिस्ट होने से बचती रही है। जबकि आरबीआई (RBI) ने टाटा संस को सितंबर 2022 में ही एक अपर-लेयर NBFC नामित कर दिया था, जिससे टाटा संस पर 3 साल के अंदर शेयर बाजार में लिस्ट होना जरूरी हो जाता है। अब ये डेडलाइन (सितंबर 2025) नजदीक आ रही है।
मगर डेडलाइन से पहले टाटा ट्रस्ट्स (Tata Trusts) ने एक रेजोल्यूशन पास किया है, जिसके मुताबिक टाटा संस को एक नॉन-लिस्टेड प्राइवेट कंपनी बने रहना चाहिए। टाटा ट्रस्ट्स ने टाटा संस को इसके माइनॉरिटी शेयरहोल्डर शापूरजी पालोनजी (SP) ग्रुप के साथ उसे कंपनी से बाहर निकलने का रास्ता देने के लिए बातचीत शुरू करने की भी इजाजत दी है, जो एक बड़ा स्ट्रैटेजिक बदलाव होगा।
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RBI के साथ भी होगी बातचीत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते सोमवार को दिन भर चली बैठक के बाद यह फैसला लिया गया, जिसमें सभी ट्रस्टियों ने हिस्सा लिया और गहन चर्चा हुई। सर रतन टाटा ट्रस्ट (SRTT) के बोर्ड ने जो प्रस्ताव पास किया, उसमें कहा गया है कि टाटा संस के चेयरमैन को ये सुनिश्चित करने के लिए हर कोशिश करनी चाहिए कि टाटा संस एक नॉन-लिस्टेड प्राइवेट कंपनी के तौर पर अपनी मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव न करे और इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ भी बातचीत की जाए।
टाटा ट्रस्ट्स में कौन-कौन शामिल
एसआरटीटी और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट (Sir Dorabji Tata Trust), दो मेन परोपकारी संगठन हैं जिनसे मिलकर टाटा ट्रस्ट्स बनता है। टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में 66% कंट्रोलिंग हिस्सेदारी है। बता दें कि ट्रस्ट बोर्ड ने टाटा संस के चेयरमैन के रूप में एन चंद्रशेखरन के कार्यकाल को फरवरी 2027 से आगे बढ़ाने की प्रोसेस शुरू करने को भी मंजूरी दे दी है।
SP Group की हालत खस्ता
एसपी ग्रुप को टाटा संस से बाहर करना एक बड़ा कदम हो सकता है। इसका कर्ज के बोझ तले दबे एसपी ग्रुप के भविष्य पर भी असर पड़ेगा। अपना कर्ज घटाने के लिए फंड जुटाने के लिए एसपी ग्रुप ने पहले ही टाटा संस में अपनी पूरी 18.37% हिस्सेदारी गिरवी रख दी है।
यदि इन गिरवी रखी गई संपत्तियों (टाटा संस की हिस्सेदारी यानी शेयर्स) को वापस लेना है तो एसपी ग्रुप के कर्जदाताओं को होल्डिंग कंपनी के Articles of Association के तहत टाटा संस को इनकार करने का पहला अधिकार देना होगा।
SP Group चाहता है टाटा संस की लिस्टिंग
एसपी ग्रुप ने इस साल की शुरुआत में आरबीआई से टाटा संस की पब्लिक लिस्टिंग के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया था। उसका तर्क था कि इससे सभी स्टेकहोल्डर्स को फायदा होगा। मगर टाटा संस ने आरबीआई से लिस्टिंग से छूट पाने के लिए आवेदन किया।
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