Tata Capital IPO अब तक क्यों नहीं हुआ फुली सब्सक्राइब्ड, जीएमपी नहीं ये है असली वजह?
टाटा कैपिटल आईपीओ (Tata Capital IPO) के निवेश का आज आखिरी दिन है। निवेशकों को इस आईपीओ से काफी उम्मीदें थी। लेकिन इसका कम जीएमपी और प्राइस बैंड में भारी छूट ने निवेशकों को संदेह में डाल दिया है। इसके साथ ही ये आईपीओ इतना बड़ा होने के बाद भी फुली सब्सक्राइब्ड नहीं हो पाया है। लेकिन क्या इसकी असली वजह कम जीएमपी है?

नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत से ही निवेशकों को टाटा कैपिटल के आईपीओ का बेसब्री से इंतजार था। लोग इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे थे। क्योंकि इस आईपीओ से टाटा का नाम जुड़ा था। इसलिए लोग इसमें निवेश करना चाहते थे।
लेकिन जितना प्यार इस आईपीओ को पब्लिक इश्यू से पहले मिला, वो अब सब्सक्रिप्शन के समय मिलते नहीं दिख रहा है। टाटा कैपिटल आईपीओ दूसरे दिन भी 75 फीसदी ही सब्सक्राइब्ड हुआ है। लेकिन क्या इसके पीछे की वजह कम जीएमपी ही है।
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GMP में भारी गिरावट
ग्रे मार्केट में जो आईपीओ पहले कभी धूम मचा रहा था। आज उसका जीएमपी 6 रुपये ही रह गया है। जीएमपी को देखते हुए इस आईपीओ से 1.84 फीसदी का ही लाभ मिलने के चांस है। कम जीएमपी के साथ इसका प्राइस बैंड भी काफी कम रखा गया है। जिससे निवेशकों को इस आईपीओ पर संदेह हुआ। लेकिन इसकी मुख्य वजह कुछ और ही बनते हुए दिख रही है।
क्या है मुख्य कारण?
टाटा ग्रुप में टाटा संस के बोर्ड में सीटों का अलॉटमेंट विवाद की वजह बन रहा है। ये बोर्ड पूरे ही ग्रुप को मैनेज करते है। पूरे मामले में दो गुट बन गए हैं, जिनमें एक गुट नोएल टाटा और दूसरा गुट मेहली मिस्त्री के साथ है। इसी विवाद परिस्थिति को देखते हुए लोग टाटा कैपिटल आईपीओ में पैसा लगाने से हिचकिचा रहे हैं।
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