ये क्या! Tata Capital IPO से इस अमेरिकी बैंक की होगी गाढ़ी कमाई, 17000 करोड़ में से मिलेगी इतनी सारी रकम
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) को टाटा कैपिटल के आगामी आईपीओ से भारी मुनाफा होने की उम्मीद है क्योंकि यह गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करने पर विचार कर रहा है। आईएफसी इस निर्गम में 3.58 करोड़ शेयर बेचेगी। आरबीआई द्वारा शेयरों को सूचीबद्ध करने के लिए समय दिए जाने के बाद टाटा कैपिटल अक्टूबर के पहले पखवाड़े में अपना आईपीओ ला सकती है।

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) को टाटा कैपिटल के आगामी दो अरब अमेरिकी डॉलर (17,000 करोड़ रुपये) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से भारी मुनाफा होने की उम्मीद है, क्योंकि विश्व बैंक समूह की यह इकाई इस गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करने पर विचार कर रही है।
नए दस्तावेजों के मसौदे (डीआरएचपी) के अनुसार, आईएफसी इस निर्गम में 3.58 करोड़ शेयर बेचेगी, जो 2011 में टाटा कैपिटल के क्लीनटेक कारोबार पर किए गए शुरुआती दांव का एक हिस्सा है।
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) की स्थापना इसके 186 सदस्य देशों ने की थी। इसका संचालन 1956 में शुरू हुआ था, जिसका मुख्यालय वाशिंगटन, डी.सी. अमेरिका में है।
यह अपने संस्थापक सदस्य देशों के सामूहिक प्रयासों से बना है। इसकी शुरुआत में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, आइसलैंड और कई अन्य शामिल थे।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने के लिए समय दिए जाने के बाद, टाटा कैपिटल अक्टूबर के पहले पखवाड़े में अपना दो अरब अमेरिकी डॉलर का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला सकती है।
इससे पहले, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया था।
विश्व बैंक समूह की निजी क्षेत्र की इकाई आईएफएसी ने 2011 में टाटा कैपिटल के साथ मिलकर टाटा क्लीनटेक कैपिटल लिमिटेड (टीसीसीएल) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य नवीकरणीय और टिकाऊ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषित करना था।
उस समय, भारत में स्वच्छ ऊर्जा को अब भी सब्सिडी पर निर्भर क्षेत्र माना जाता था। पिछले एक दशक में, टीसीसीएल एक प्रमुख हरित वित्तपोषक के रूप में उभरी है, जिसने सौर, पवन, बायोमास, लघु जलविद्युत, जल उपचार और विद्युत परिवहन क्षेत्र में 500 से अधिक नवीकरणीय परियोजनाओं को समर्थन दिया है।
इसके अलावा, कंपनी ने 22,400 मेगावाट से अधिक स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को मंजूरी दी है और देश में सबसे व्यापक क्लीनटेक पोर्टफोलियो में से एक का निर्माण किया है।
दस्तावेजों से पता चला है कि वित्त वर्ष 2024-25 तक, क्लीनटेक और बुनियादी ढांचा ऋण 18,000 करोड़ रुपये को पार कर गया था।
यह पिछले दो साल में सालाना 32 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। टीसीसीएल के टाटा कैपिटल में विलय के बाद, आईएफसी के पास अब मूल एनबीएफसी में 7.16 करोड़ शेयर या लगभग 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसमें से, इसकी योजना आगामी आईपीओ में 3.58 करोड़ शेयर बेचने की है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।