Swiggy का बड़ा ऐलान, शेयरों में भारी गिरावट के बीच जुटाएगी ₹10000 करोड़; 3 बैंकों के साथ मिलकर बनाया ये प्लान
स्विगी (Swiggy) 10,000 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाने की तैयारी में है, जिसके लिए जेपी मॉर्गन समेत तीन बैंकों को सलाहकार नियुक्त किया गया है। यह फंड क्वालिफाइड इंटरनेशनल प्लेसमेंट (QIP) के जरिए जुटाया जाएगा। कंपनी इस पूंजी का उपयोग विकास और नवाचार परियोजनाओं में करेगी। हाल ही में, स्विगी ने रैपिडो की अपनी हिस्सेदारी भी बेची है।

Swiggy का बड़ा ऐलान, शेयरों में भारी गिरावट के बीच जुटाएगी ₹10000 करोड़।
नई दिल्ली| ऑनलाइन फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) अब अपने बिजनेस को और बढ़ाने की तैयारी में है। कंपनी ने 10,000 करोड़ रुपए तक की फंडिंग के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। इसके लिए स्विगी ने जेपी मॉर्गन (JP Morgan), कोटक महिंद्रा कैपिटल (Kotak Mahindra Capital) और सिटी बैंक (Citi Bank) को अपने वित्तीय सलाहकार (advisors) के रूप में चुना है। जानकारी के मुताबिक, स्विगी यह फंड क्वालिफाइड इंटरनेशनल प्लेसमेंट (QIP)के जरिए जुटाएगी। हालांकि, QIP कब शुरू होगा, यह अभी तय नहीं है। कंपनी के बोर्ड ने 7 नवंबर को फंड जुटाने की मंजूरी दी, जो शेयरधारकों और रेगुलेटरी स्वीकृति पर निर्भर है।
ग्रोथ कैपिटल और इनोवेशन पर फोकस
स्विगी के सीएफओ राहुल बोथरा (Swiggy CFO Rahul Bothra) ने कहा, "हमारी फूड डिलीवरी यूनिट लगातार मुनाफे की ओर बढ़ रही है। यह नया फंड मुख्य रूप से ग्रोथ कैपिटल और इनोवेशन प्रोजेक्ट्स में इस्तेमाल किया जाएगा।" उन्होंने बताया कि कंपनी का बैलेंस शीट पहले से मजबूत है और रैपिडो (Rapido) में हिस्सेदारी बेचने से भी नकद भंडार बढ़ेगा।
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स्विगी ने बेची रैपिडो की 12% हिस्सेदारी
स्विगी ने हाल ही में रैपिडो में अपनी 12% हिस्सेदारी प्रोसस (Prosus) और वेस्टब्रिज कैपिटल (Westbridge Capital) को 2,399 करोड़ रुपए में बेचने का ऐलान किया है। इस सौदे से कंपनी को अतिरिक्त पूंजी मिलेगी, जिसे वह क्विक कॉमर्स और नए प्रयोगों में लगाएगी।
स्विगी घाटे में, जेप्टो फायदे में
स्विगी ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब ब्लिंकिट और जेप्टो जैसे प्रतिद्वंदी क्विक डिलीवरी मार्केट में आक्रामक विस्तार कर रहे हैं। स्विगी का क्विक कॉमर्स बिजनेस लगातार तीसरी तिमाही में 100% से ज्यादा ग्रोथ दिखा चुका है। हालांकि, सितंबर तिमाही में Swiggy का नेट लॉस 74% बढ़कर 1,092 करोड़ रुपए हो गया, लेकिन राजस्व 5,561 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 3,601 करोड़ रुपए से काफी ज्यादा है।
दूसरी ओर, प्रतिद्वंदी जोमैटो ने इसी तिमाही में 65 करोड़ रुपए का मुनाफा दिखाया, हालांकि उसका मुनाफा सालाना आधार पर 63% घटा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि स्विगी का यह फंड जुटाने का कदम लॉन्ग-टर्म एक्सपेंशन और टेक्नोलॉजी इनोवेशन के लिए है। कंपनी चाहती है कि अगले एक साल में खुद को क्विक डिलीवरी मार्केट की रेस में सबसे आगे रख सके।
लिस्टिंग प्राइस से नीचे आए शेयरों के दाम (Swiggy Share Price)
सोमवार, 10 नवंबर को स्विगी के शेयर लाल निशान पर बंद हुए। शेयरों में 3.60% की गिरावट दर्ज हुई और NSE पर 386.95 रुपए पर क्लोज हुए। इसी के साथ, इसके शेयर एक बार फिर लिस्टिंग प्राइस से ट्रेड करने लगे। स्विगी के शेयर 13 नवंबर 2024 को 390 रुपए के दाम पर लिस्ट हुए थे। इसके 52 हफ्ते का लो लेवल 297 रुपए और हाई लेवल 617.30 रुपए है। शेयरों में अब तक 15% से ज्यादा का नुकसान कराया है। स्विगी का मार्केट कैप 96,444 करोड़ रुपए है।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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