Market Outlook: अगर टूटा 24,450 का लेवल, तो 23,600 तक फिसल सकता है Nifty ! एक्सपर्ट से समझें क्या कह रहा टेक्निकल चार्ट
आनंद राठी ग्रुप के जिगर एस पटेल के अनुसार भारतीय इक्विटी मार्केट (Indian Stock Market Outlook) में जुलाई 2025 में गिरावट रही। निफ्टी 50 इंडेक्स 25800 से ऊपर नहीं जा सका। पॉजिटिव ट्रिगर्स के अभाव में बेंचमार्क इंडेक्स 1000 अंक से अधिक गिर गया। निफ्टी स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में भी गिरावट आई। निवेशकों को सतर्क रहने और रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।

नई दिल्ली। आनंद राठी ग्रुप के इक्विटी रिसर्च के सीनियर मैनेजर जिगर एस पटेल के अनुसार हमारे पिछले अनुमानों के अनुसार ही जुलाई 2025 भारतीय इक्विटी मार्केट (Equity Market) के लिए गिरावट वाला रहा, जिसमें बड़े पैमाने पर मुनाफावसूली देखी गई। निफ्टी 50 इंडेक्स 25,800 से आगे गति बनाए रखने के लिए संघर्ष करता रहा और 25,800 का लेवल इसके लिए एक मुश्किल पड़ाव बनकर उभरा।
पॉजिटिव ट्रिगर्स न मिलने के चलते बेंचमार्क इंडेक्स अपने हाल के उच्चतम स्तर से 1,000 अंक से अधिक गिर गया और महीने भर में ये लगभग 3% की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस समय निफ्टी 24,600 से नीचे कारोबार कर रहा है। आगे कैसी रहेगी Nifty-Bank Nifty की चाल, आगे जानते हैं।
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गोल्डन क्रॉसओवर पर फोकस
शेयर बाजार में हुई बिकवाली का ज्यादा असर ब्रॉडर मार्केट पर पड़ा, जिसमें निफ्टी स्मॉलकैप (Nifty Small Cap) इंडेक्स में लगभग 6% की गिरावट दर्ज की गई और मिडकैप (Nifty Midcap) इंडेक्स में 4% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे सभी क्षेत्रों में जोखिम की भावना उजागर हुई।
टेक्निकल नजरिए से, निफ्टी 50 पर देखे गए गोल्डन क्रॉसओवर पर फोकस किया जा रहा है, जहाँ 50-डेज एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (50-DEMA) 200-डेज एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (200-DEMA) से ऊपर चला गया। हालाँकि यह आमतौर पर एक तेजी का संकेत माना जाता है, पर ऐतिहासिक तौर पर इस तरह का चार्ट बनने के समय अपट्रेंड यानी का तेजी का अगला फेज शुरू होने से पहले हल्की कमजोरी का एक चरण आता है।
उभर रहा मंदी वाला कैंडलस्टिक पैटर्न
इस समय निफ्टी एक अहम कंफ्लुएंस जोन के करीब पहुँच रहा है, जहाँ 200-DEMA और 200-डेज सिम्पल मूविंग एवरेज (200-DSMA) दोनों 24,200-24,000 की सीमा में कंवर्ज होते हैं। यह एलाइनमेंट इस सपोर्ट बैंड के टेक्निकल महत्व को बढ़ाता है और इस पर कड़ी निगरानी की जरूरत है।
इसके उलट मंथली चार्ट पर एक मंदी वाला कैंडलस्टिक पैटर्न उभरने लगा है, हालाँकि यह अभी भी अपनी शुरुआती अवस्था में है और आगामी सत्रों में इसकी पुष्टि हो सकती है।
23,800-23,600 तक लुढ़क सकता है निफ्टी
डेली चार्ट पर, मोमेंटम इंडिकेटर्स ने अभी तक अत्यधिक ओवरसोल्ड कंडीशंस का संकेत नहीं दिया, जिसका मतलब है कि चल रही गिरावट का दौर शायद पूरा नहीं हुआ है। 24,450 के हॉरिजोंटल सपोर्ट लेवल से नीचे की गिरावट से सूचकांक 24,000 या 23,800-23,600 तक लुढ़क सकता है।
निवेशकों के लिए क्या है सलाह
ऊपर की तरफ 25,000 का लेवल एक मनोवैज्ञानिक दबाव के तौर पर काम करता है। इस लिमिट से ऊपर लगातार बढ़ोतरी ही शॉर्ट टर्म में तेजी की उम्मीद को फिर से जीवित कर सकती है। तब तक निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क और सेलेक्टिव रुख अपनाएँ, हाई-रिलेटिव स्ट्रेंग्थ शेयरों पर फोकस करें और एग्रेसिव बॉटम-फिशिंग रणनीतियों से बचें।
इस माहौल में, रिस्क मैनेजमेंट और पूँजी संरक्षण (Capital Preservation) को शॉर्ट टर्म प्रॉफिट से ज़्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
Bank Nifty के लिए क्या है आउटलुक
बैंक निफ्टी ने कुछ समय के लिए 57,600 के उच्च स्तर को छुआ, लेकिन जैसा कि पहले बताया गया था, 58,000-58,500 के प्रतिरोध यानी अड़चन वाले लेवल को पार नहीं कर पाया। जुलाई में ये इंडेक्स 2% से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ। खास बात यह है कि यह अब अपने 200-DEMA के करीब है, जो वर्तमान में 55,000 के निशान से थोड़ा नीचे है, जिससे यह एक अहम सपोर्ट लेवल के करीब है।
इस सपोर्ट से वापसी, शॉर्ट टर्म रिकवरी के लिए आधार तैयार कर सकती है; हालांकि, 56,500 एक फौरी प्रतिरोध लेवल बना हुआ है, जबकि लॉन्ग टर्म में 58,000-58,500 तक की गुंजाइश है।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयर बाजार को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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