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    F&O ट्रेडिंग में एक और बदलाव की तैयारी, खत्म हो सकती है वीकली इंडेक्स ऑप्शन एक्सपायरी, जानिए फिर नया क्या होगा

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 04:14 PM (IST)

    SEBI on Weekly Options Expiry शेयर बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया लगातार फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में बदलाव कर रही है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब सेबी वीकली इंडेक्स ऑप्शन एक्सपायरी को खत्म कर सकती है और इसकी जगह फोर्टनाइटली एक्सपायरी लेकर आ सकती है।

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    इंडेक्स ऑप्शन एक्सायरी में सेबी एक और बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है।

    नई दिल्ली। शेयर बाजार नियामक SEBI लगातार स्टॉक मार्केट में फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट से जुड़े नियमों में बदलाव कर रहा है, खासतौर पर इंडेक्स ऑप्शन्स (Changes in Index Option Expiry) को लेकर। इसी कड़ी में सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), इंडेक्स ऑप्शन्स एक्सपायरी में बड़े बदलाव पर विचार कर रहा है। बताया जा रहा है कि मार्केट रेगुलेटर इस सेगमेंट में बढ़ते कारोबार पर लगाम लगाने के लिए वीकली एक्सपायरी के बजाय, फोर्टनाइटली एक्सायरी (15 दिन) लेकर आ सकता है।

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    मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले से परिचित एक व्यक्ति के हवाले से यह जानकारी मिली है। प्रस्तावित बदलाव से निफ्टी और सेंसेक्स की महीने में सिर्फ दो-दो एक्सपायरी होंगी। इससे पहले सेबी बैंक निफ्टी की वीकली एक्सपायरी को खत्म कर चुका है और सिर्फ मंथली एक्सपायरी प्रभावी है।

    हर उपाय पर सेबी की नजर

    इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इंडेक्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस पर पोजीशन लिमिट और ओपन इंटरेस्ट के कैलकुलेशन में बदलाव जैसे कुछ अतिरिक्त उपाय इसी महीने प्रभावी हो गए हैं। पोजीशन लिमिट से तात्पर्य उस जोखिम से है जो एक निवेशक इंडेक्स ऑप्शंस में ले सकता है, जबकि ओपन इंटरेस्ट उस कॉन्ट्रैक्ट में किसी बकाया खरीद या बिक्री पोजीशन को दर्शाता है।

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    फिलहाल, सेबी अगले कुछ सप्ताह में यह देखेगा कि क्या हालिया उपायों से ऑप्शन्स की मात्रा में कमी आती है, तथा अगर इन उपायों से संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता है या बहुत कम असर होता है तो फोर्टनाइटली एक्सपायरी जैसे उपायों को बाद में लागू किया जा सकता है।

    दरअसल, सेबी लंबे समय से फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में रिटेल निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रहा है। सेबी की एक हालिया स्टडी से पता चला है कि एफएंडओ में व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में गिरावट आई है और घाटा भी बढ़ा है। इसमें कहा गया है कि 10 में से 9 व्यक्ति अभी भी एफएंडओ ट्रेड्स में नुकसान उठा रहे हैं।