Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गांव-गांव पहुंचेगी वित्तीय साक्षरता, बढ़ेगी शेयर बाजार में हिस्सेदारी; SEBI-पंचायत मिलकर सिखाएंगे निवेश के गुर

    SEBI और पंचायतीराज मंत्रालय मिलकर ग्रामीण भारत में वित्तीय साक्षरता अभियान शुरू कर रहे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों को मास्टर ट्रेनर बनाकर गांव-गांव में सुरक्षित निवेश Demat Accouts Mutual Funds और Share Market की समझ दी जाएगी। यह पहल ग्रामीणों को धोखाधड़ी से बचाकर आत्मनिर्भर और स्मार्ट निवेश की दिशा में मजबूत बनाएगी।

    By Jitendra Sharma Edited By: Ankit Kumar Katiyar Updated: Sat, 23 Aug 2025 06:47 PM (IST)
    Hero Image
    पंचायतीराज मंत्रालय के पास किसी भी अन्य विभाग या मंत्रालय के तुलना में जमीनी स्तर पर काफी बड़ा नेटवर्क है।

    नई दिल्ली | SEBI-Panchayat financial literacy: भारत का शेयर बाजार तेजी से विस्तार कर रहा है। सरकार का दावा है कि कोविड-19 से पहले डीमैट और म्यूचुअल फंड (Demat and Mutual Fund) के खातों की जो संख्या पांच करोड़ थी, वह आज लगभग 13 करोड़ पहुंच चुकी है। बेशक, इसमें बड़ी भागीदारी शहरी खाताधारकों की है, लेकिन माना जा रहा है कि बाजार का आकार इस ओर बढ़ रहे ग्रामीणों के रुझान को इंगित करता है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आत्मनिर्भर भारत के लिए सक्षम-समृद्ध और आत्मनिर्भर गांवों के सोच के साथ चल रही मोदी सरकार चाहती है कि ग्रामीण भारत की हिस्सेदारी शेयर बाजार में बढ़े, लेकिन ग्रामीण वित्तीय ज्ञान के अभाव में किसी प्रकार की धोखाधड़ी में फंसें। 

    इसे देखते हुए ही पंचातीराज मंत्रालय के देशव्यापी जमीनी नेटवर्क का प्रयोग करते हुए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया (SEBI) देशभर में चरणवार वित्तीय सारक्षरता अभियान चलाने जा रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा। 

    पंचायतीराज मंत्रालय विभिन्न प्रयासों को पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। इसी बीच सेबी के साथ इस अभियान की रूपरेखा भी बनाई है कि ग्रामीणों को सुरक्षित और लाभकारी निवेश के प्रति जागरूक किया जाए। 

    यह भी पढ़ें- SEBI Income: नियम-कायदों में ही नहीं कमाई में भी ताकतवर है सेबी; जानें है कितना अमीर और कहां-कहां से हुई इनकम?

    पंचायतीराज मंत्रालय के पास बड़ा नेटवर्क

    दरअसल, पंचायतीराज मंत्रालय के पास किसी भी अन्य विभाग या मंत्रालय के तुलना में जमीनी स्तर पर काफी बड़ा नेटवर्क है। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, 29 राज्यों में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान, 27 राज्य पंचायत संसाधन केंद्र, 441 जिला पंचायत संसाधन केंद्र और 2000 से अधिक ब्लाक पंचायत संसाधन केंद्र हैं। 

    यूपी, महाराष्ट्र में तैयार किए जाएंगे प्रशिक्षक

    ग्रामीणों के बीच सक्रिय ढाई लाख ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि हैं। इसे देखते हुए रूपरेखा बनाई गई है कि सबसे पहले छह राज्यों में 3,874 मास्टर ट्रेनर का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 1652, महाराष्ट्र में 574, झारखंड में 528, गुजरात में 500, जम्मू और कश्मीर में 504 और त्रिपुरा में 116 प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे। 

    यह भी पढ़ें- महिलाओं के लिए खुशखबरी! म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने पर मिलेगा बड़ा फायदा; जानें क्या है SEBI का प्लान?

    राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान (NISM) अपने संकाय विकास कार्यक्रम (FDP) के तहत पंचायतीराज संस्थाओं के संस्थानों को प्रशिक्षित करेगा। सेबी द्वारा सूचीबद्ध प्रशिक्षक और पंचायतीराज संस्थानों के प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर मिलकर जिला और ब्लाक स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित करेंगे। 

    NCFE करेगा साक्षरता पहुंचाने का काम

    राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केंद्र (NCFE) ग्राम स्तर पर वित्तीय साक्षरता को पहुंचाने की योजना पर काम करेगा। इस तरह ब्लाक और ग्राम स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधि विभिन्न समुदायों में वित्तीय साक्षरता के विश्वसनीय दूत के रूप में काम करेंगे। पायलट राज्यों और मास्टर ट्रेनर नेटवर्क से शुरू होकर यह कार्यक्रम धीरे-धीरे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचाने की योजना है।