महिलाओं के लिए खुशखबरी! म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने पर मिलेगा बड़ा फायदा; जानें क्या है SEBI का प्लान?
SEBI एक नया प्रावधान लाने की तैयारी कर रहा है जिसमें पहली बार निवेश करने वाली महिलाओं को अतिरिक्त इंसेंटिव मिलेगा। AMFI के कार्यक्रम में सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा वित्तीय समावेशन तब तक अधूरा है जब तक महिलाएं इसमें बराबर की भागीदार न बनें। इसलिए हम पहली बार निवेश करने वाली महिला निवेशकों के लिए अतिरिक्त वितरण प्रोत्साहन (distribution incentive) देने की योजना बना रहे हैं।
नई दिल्ली| म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी है। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) एक नया प्रावधान लाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें पहली बार निवेश करने वाली महिलाओं को (First-time women mutual fund incentives) अतिरिक्त इंसेंटिव मिलेगा। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को निवेश की मुख्यधारा से जोड़ना है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के कार्यक्रम में सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा, "वित्तीय समावेशन तब तक अधूरा है, जब तक महिलाएं इसमें बराबर की भागीदार न बनें। इसलिए हम पहली बार निवेश करने वाली महिला निवेशकों के लिए अतिरिक्त वितरण प्रोत्साहन (distribution incentive) देने की योजना बना रहे हैं।"
महिलाओं की भागीदारी क्यों जरूरी?
वर्तमान में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का आकार लगभग 57 लाख करोड़ रुपए का है। लेकिन इसमें महिला निवेशकों की हिस्सेदारी अभी भी काफी कम है। सेबी का मानना है कि अगर महिलाओं की भागीदारी बढ़ती है तो बाजार में नई ऊर्जा आएगी और वित्तीय समावेशन (financial inclusion) का लक्ष्य पूरा होगा।
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क्या है मकसद, फायदा क्या होगा?
सेबी ने हाल ही में छोटे शहरों यानी टियर-2 और टियर-3 (B30 शहर) से आने वाले नए निवेशकों को बढ़ावा देने के लिए भी इंसेंटिव देने का प्रस्ताव रखा था। अब महिला निवेशकों पर फोकस इसी रणनीति का हिस्सा है।
इसका फायदा यह होगा कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री न केवल नए निवेशकों तक पहुंचेगी, बल्कि उन इलाकों में भी गहराई से पैठ बना सकेगी, जहां निवेश की समझ अभी सीमित है।
फंड स्कीमों की समीक्षा कर रहा सेबी
तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि सेबी म्यूचुअल फंड की स्कीमों की कैटेगराइजेशन की समीक्षा कर रहा है ताकि निवेशकों को पारदर्शिता मिले और ओवरलैप की समस्या खत्म हो।
इसके अलावा, रेगुलेटर ने म्यूचुअल फंड कंपनियों से 52 से ज्यादा रिपोर्ट्स और नोटिस दाखिल करने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है। आने वाले महीनों में सेबी म्यूचुअल फंड रेगुलेशन को और आसान बनाने की दिशा में कदम उठाएगा।
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यानी सीधे शब्दों में कहें तो सेबी का यह कदम महिलाओं को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा और म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को और व्यापक बनाएगा। छोटी रकम से शुरुआत करने वाली महिलाएं भी अब वित्तीय आज़ादी की ओर कदम बढ़ा सकेंगी।
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