ऐसे पकड़े जाएंगे शेयरों पर रिटर्न के फर्जी दावे, आम निवेशक के लिए आया PaRRVA सिस्टम, जानिए कैसे करेगा काम
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि नई 'पास्ट रिस्क एंड रिटर्न वेरिफिकेशन एजेंसी' , एक तकनीक आधारित सुधार है, और इसका मकसद डिजिटल ऑडिट ट्रेल्स ...और पढ़ें

बेंगलुरु। शेयर बाजार नियामक SEBI ने आम निवेशकों की बेहतरी के लिए एक और अच्छा कदम उठाया है। दरअसल, बाजार में निवेश उत्पादों की गलत बिक्री रोकने और मानकीकृत रिपोर्ट के जरिये निगरानी बढ़ाने के लिए सेबी ने सोमवार को एक नई 'पास्ट रिस्क एंड रिटर्न वेरिफिकेशन एजेंसी' की शुरुआत की। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि नई 'पास्ट रिस्क एंड रिटर्न वेरिफिकेशन एजेंसी' (Past Risk and Return Verification Agency), एक तकनीक आधारित सुधार है, और इसका उद्देश्य डिजिटल आडिट ट्रेल्स के माध्यम से रिपोर्टिंग में विश्वसनीयता और स्थिरता लाना है।
क्या है PaRRVA?
सेबी ने यह कदन बढ़ते फिनफ्लुएंसर्स और नॉन-रजिस्टर्ड संस्थाओं को ध्यान में रखकर उठाया है। क्योंकि, अक्सर इनती इन्वेस्टमेंट टिप्स निवेशकों को बढ़ा-चढ़ाकर या फर्जी रिटर्न के जरिये लुभाती हैं। PaRRVA के आने से अब कोई भी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार, रिसर्च एनालिस्ट या ब्रोकर जब भी शेयरों पर रिटर्न को लेकर कोई दावा करेगा तो पहले उसे Care PaRRVA के जरिए अपने दावों का सत्यापन कराना होगा। ऐसे में पहले दावों का वेरिफिकेशन होगा, फिर विज्ञापन आएगा। इसके साथ ही बिना वेरीफिकेशन के अब रिटर्न बेस्ड प्रमोशन मुश्किल हो जाएगा।
क्या फायदा होगा
शेयर मार्केट में फेक एडवाइजरी का खेल सालों से चलता आया है। कई अनरजिस्टर्ड एडवाइजर और फिनइंफ्लुएंसर्स मोटे रिटर्न का दावा कर लोगों को धोखा देते हैं। हालांकि, अब ऐसा करना आसान नहीं होगा। अगर सेबी का यह नया सिस्टम सफल रहा तो शेयरों पर रिटर्न को लेकर फर्जीदावे तुरंत पकड़ में आएंगे।
SEBI ने सरकार से मांगा था यह अधिकार
2025 की शुरुआत में रायटर ने एक रिपोर्ट में कहा था कि सेबी सरकार से व्यापक शक्तियों की मांग कर रही है ताकि वह व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों से अनधिकृत वित्तीय सलाह को हटा सके और बाजार उल्लंघनों की जांच के लिए उनके काल रिकार्ड तक पहुंच सके।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि पार्वा (Parrva) प्रदर्शन-संबंधी खुलासों में पारदर्शिता, मानकीकरण और निवेशकों का विश्वास मजबूत करने की दिशा में सेबी द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण कदम है।
ये भी पढ़ें- UPI से अगर गलत नंबर पर पेमेंट हो जाए तो क्या पैसे वापस मिल सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें
चौहान ने कहा, "एनएसई को पार्वा डेटा सेंटर (पीडीसी) प्रदान करके इस पहल का समर्थन करने में खुशी हो रही है, जिससे यह ढांचा मज़बूत जोखिम और रिटर्न सत्यापन के लिए प्रमाणित बाज़ार डेटा का लाभ उठा सकेगा।" यह एजेंसी सुनिश्चित करती है कि निवेशकों के सामने प्रस्तुत सभी रिस्क-रिवॉर्ड मीट्रिक स्वतंत्र रूप से सत्यापित हों और मार्केट सहभागियों की सिफारिशों के अनुरूप विकसित सत्यापन पद्धतियों के अनुरूप हों।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।