शेयर बाजार पर भारी पड़ी रुपये की कमजोरी, Nifty फिर 26000 के नीचे बंद, सरकारी बैंक शेयरों में भी जबरदस्त बिकवाली
रुपये की कमजोरी और सरकारी बैंकों में भारी बिकवाली से शेयर बाजार में फिर से गिरावट हावी हो गई। निफ्टी 25986 पर तो सेंसेक्स 85106 के स्तर पर बंद हुआ। पू ...और पढ़ें

नई दिल्ली। 1 दिसंबर को रिकॉर्ड हाई लगाने के बाद भारतीय शेयर बाजार (Share Market Closing) में फिर से गिरावट हावी हो गई। 4 दिसंबर को बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 26000 के नीचे जाकर बंद हुआ। इंट्रा डे में Nifty ने 25891 का स्तर तक छू लिया। बाजार में यह गिरावट रुपये में कमजोरी आने से देखने को मिली है। मार्केट पर सबसे ज्यादा दबाव आज सरकारी बैंक शेयरों ने बनाया। पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य स्टॉक 4 फीसदी से ज्यादा टूट गए।
निफ्टी 25986 पर तो सेंसेक्स 85106 के स्तर पर बंद हुआ। आईटी, फाइनेंशियल, फार्मा और प्राइवेट बैंक इंडेक्स को छोड़कर सभी सेक्टर में बिकवाली हावी रही। निफ्टी के टॉप गेनर शेयरों में विप्रो, हिंडाल्को, टीसीएस, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक रहे। वहीं, टॉप लूजर शेयरों में मैक्सहेल्थ, टाटा कंज्यूमर, अदाणी एंटरप्राइजेज और बीईएल रहे।
भारी पड़ी रुपये की कमजोरी
बुधवार सुबह भारतीय रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला और इसने पूरे दिन शेयर बाजार पर दबाव बनाया। हालांकि, आखिरी घंटों में मार्केट में रिकवरी आई और निफ्टी व सेंसेक्स हल्की कमजोरी के साथ बंद हुए। उधर, करंसी मार्केट के एक्सपर्ट का मानना है कि रुपये में कमजोरी आगे भी बनी रह सकती है।
सरकारी बैंक शेयरों ने भी बनाया दबाव
रुपये के अलावा, सरकारी बैंक शेयरों ने भी बाजार पर बड़ा दबाव बनाया। दरअसल, मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री ने संसद में साफ किया है कि सरकारी बैंकों में FDI लिमिट बढ़ाए जाने के किसी भी प्रस्ताव पर सरकार विचार नहीं कर रही है। इसके बाद एसबीआई और पंजाब नेशनल बैंक समेत सभी सरकारी बैंकों में जबरदस्त बिकवाली हुई।
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जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में हेड ऑफ रिसर्च, विनोद नायर ने कहा, "विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली और व्यापार अनिश्चितताओं के कारण रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँच गया, जिससे भारतीय शेयर बाज़ार में कंसोलिडेशन देखने को मिल रहा है। मार्केट के लिए अब बड़ा ट्रिगर 5 सितंबर को आने वाली आरबीआई पॉलिसी है। "

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