बुरे दौर से गुजर रहा ये सिनेमा शेयर, ₹2200 से टूटकर 830 तक आया भाव, अब सरकार के फैसले ने और बढ़ाई मुश्किलें
PVR INOX Shares पीवीआर के शेयरों में पिछले 3 साल से जारी गिरावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस साल अब तक इस सिनेमा शेयर ने 25 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं साल 2022 में 2214 रुपये का हाई लगाने के बाद पीवीआर के शेयर लगातार गिरे हैं।

नई दिल्ली। भारत में पीवीआर-आईनॉक्स, देश की सबसे बड़ा मल्टीप्लेक्स चैन है। हालांकि, इस सिनेमा कंपनी के शेयरों के दिन काफी खराब चल रहे हैं। लगातार 3 सालों से पीवीआर के शेयरों में गिरावट गहराती जा रही है। 2022 में रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद से पीवीआर के शेयरों में 2023 से बिकवाली हावी है।
इस साल अब तक इस सिनेमा शेयर ने 25 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है। 16 जुलाई को भी पीवीआर के शेयर गिरावट के साथ 978 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं। दरअसल, पीवीआर के शेयरों में आज यह गिरावट कर्नाटक सरकार के एक प्रस्ताव के बाद आई है।
क्या है कर्नाटक सरकार का प्रस्ताव
कर्नाटक सरकार ने मूवी टिकट पर 200 रुपये का कैप लगाने का प्रस्ताव दिया है। यह नियम कर्नाटक के सभी सिनेमाघरों में लागू होगा, चाहे वह सिंगल स्क्रीन ऑपरेटर हों या बड़े मल्टीप्लेक्स हों। इसके अलावा, इसमें सभी मनोरंजन कर भी शामिल होंगे। इस ड्राफ्ट के अनुसार, जनता के पास प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के लिए लगभग 15 दिन का समय है। हालाकि,पीवीआर आईनॉक्स ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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तमिलनाडु में जीएसटी और स्थानीय करों को छोड़कर टिकट की कीमतें 150 रुपये तक सीमित हैं, जबकि तेलंगाना में नियमित सीटों के लिए टिकट की दरें 295 रुपये और रिक्लाइनर सीटों के लिए 350 रुपये तक सीमित हैं। आंध्र प्रदेश में, नियमित और रिक्लाइनर सीटों के लिए टिकट की कीमतें 177 रुपये और 295 रुपये तक सीमित हैं।
शेयरों में 3 साल से लगातार गिरावट
मल्टीप्लेक्स चैन चलने वाली कंपनी पीवीआर, पहले से ही दर्शकों की कमी से जुड़ी परेशानी से जूझ रही है और ऑडियंस की संख्या बढ़ाने के लिए नए-नए ऑफर लेकर आ रही है। साल 2022 में 2214 रुपये का हाई लगाने के बाद पीवीआर के शेयर लगातार गिरे हैं और 830 रुपये का लो लगा चुके हैं।
2023 में पीवीआर के शेयरों ने 3 फीसदी, 2024 में 21 फीसदी और 2025 में अब तक 25 प्रतिशत का नेगेटिव रिटर्न डिलीवर कर चुके हैं। ऐसे में कर्नाटक सरकार का यह प्रस्ताव आने वाले दिनों में पीवीआर के बिजनेस की मुश्किलें और बढ़ा सकता है।
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