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    भारत की परमाणु ऊर्जा क्रांति की रफ्तार में कूदे ये 4 दिग्गज, निवेशकों की झोली भरने को दौड़ रहे कंपनियों के शेयर

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 06:37 PM (IST)

    भारत प्रदूषण मुक्त ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है, जिसमें परमाणु ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान है। 2032 तक 22.8 गीगावाट और 2047 तक 100 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य है। BHEL, NTPC, L&T और MTAR जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में आगे हैं। सरकार के समर्थन और स्वदेशीकरण पर जोर देने से निवेशकों के लिए यह क्षेत्र आकर्षक बना हुआ है।

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    NTPC इस समूह में सबसे किफायती दिख रही है, जबकि BHEL और MTAR में हाई वैल्युएशन लंबी अवधि की ग्रोथ की उम्मीद को दिखाता है।

    नई दिल्ली। दुनिया तेजी से ऐसी एनर्जी की तरफ बढ़ रहा है जिसमें प्रदूषण न हो। कोयला और गैस आधारित बिजली संयंत्रों के मुकाबले परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से संचालन के दौरान लगभग शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होती है।

    बढ़ती बिजली मांग के बीच परमाणु ऊर्जा कम कार्बन वाला, विश्वसनीय और ग्रिड-स्थिर विकल्प प्रदान करती है। भारत ने अब परमाणु ऊर्जा विस्तार को तेज कर दिया है। वर्तमान में भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता 8.1 गीगावाट है, जिसे 2032 तक 22.8 गीगावाट और 2047 तक 100 गीगावाट तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस महत्वाकांक्षी योजना से परमाणु ऊर्जा वैल्यू चेन में सक्रिय कंपनियों के लिए बड़ा अवसर खुल रहा है।

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    आइए जानते हैं उन चार प्रमुख कंपनियों के बारे में जो इस क्षेत्र में सबसे आगे हैं।

    1. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)

    BHEL भारत की एकमात्र स्वदेशी न्यूक्लियर टरबाइन-जनरेटर सेट निर्माता कंपनी है। देश में स्थापित परमाणु क्षमता के सेकेंडरी साइड का 56% हिस्सा BHEL का है। जिसने अब तक 45 न्यूक्लियर स्टीम जनरेटर सप्लाई किए, जो भारत में सबसे ज्यादा है।

    इसने 700 MW के तीन सबसे बड़े PHWR यूनिट (काकरापार और रावतभाटा) सफलतापूर्वक चालू किए हैं। इसके अलावा गोरखपुर (हरियाणा) और कैगा परमाणु परियोजनाओं के लिए 6 यूनिट्स का टरबाइन आइलैंड EPC कार्य कर रही है। वहीं 2047 तक 100 GW के लक्ष्य में BHEL की भूमिका अहम रहने वाली है।

    BHEL के शेयर ने पिछले 5 साल में 877 फीसदी का रिटर्न दिया है। यदि आपने इसमें 5 साल पहले 1 लाख लगाए होते तो यह 8,77,000 रुपये हो जाते।

    2. एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC)

    NTPC परमाणु ऊर्जा को अपनी दीर्घकालिक स्थिरता रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा मानती है। NPCIL के साथ संयुक्त उपक्रम ‘अनुशक्ति विद्युत निगम लिमिटेड (ASHVINI)’ बनाया है। इसे महि बांसवाड़ा (राजस्थान) परमाणु प्रोजेक्ट ASHWINI को सौंपी गई है जो जल्द शुरू होने वाली है।

    पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ‘NTPC परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड’ जनवरी 2025 में गठित होगी। इसके जरिए स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) पर जोर दिया जा रहा है। BARC के साथ स्वदेशी SMR विकास के लिए MoU, अमेरिकी कंपनी Holtec से भी बातचीत है। इसके 28 संभावित परमाणु परियोजना स्थलों की पहचान करके, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ MoU किया है। सरकार ने भी SMR के लिए ₹20,000 करोड़ का बजट आवंटित किया है।

    NTPC के शेयर ने पिछले 5 साल में 259 फीसदी का रिटर्न दिया है। यदि आपने इसमें 5 साल पहले 1 लाख लगाए होते तो यह 2,59,590 रुपये हो जाते। अभी इसका शेयर 330 रुपये के आस-पास है।

    3. लार्सन एंड टुब्रो (L&T)

    परमाणु संयंत्रों के सिविल निर्माण से लेकर भारी इंजीनियरिंग उपकरण तक में सक्रिय है। गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत परियोजना के लिए न्यूक्लियर आइलैंड मैकेनिकल पैकेज प्राप्त है। स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) तकनीक अमेरिका से भारत लाने की मंजूरी मिली (केवल तीन भारतीय कंपनियों में शामिल)
    पावर EPC सेगमेंट को ‘कार्बनलाइट सॉल्यूशंस’ में बदला, परमाणु टरबाइन आइलैंड पर फोकस है। इसके अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी परमाणु उपकरणों के ऑर्डर बढ़ रहे हैं।

    L&T के शेयर ने पिछले 5 साल में 255.47 फीसदी का रिटर्न दिया है। यदि आपने इसमें 5 साल पहले 1 लाख लगाए होते तो यह 2,55,470 रुपये हो जाते। अभी इसका शेयर 4,025 रुपये के आस-पास है।


    4. एमटीएआर टेक्नोलॉजीज (MTAR Technologies)

    MTAR Technologies परमाणु रिएक्टर के कोर में इस्तेमाल होने वाले अति-विशिष्ट उपकरण बनाती है। इतना ही नहीं यह NPCIL और परमाणु ऊर्जा विभाग को फ्यूलिंग मशीन हेड, कूलेंट चैनल असेंबली आदि सप्लाई करने का भी काम करती है।

    कंपनी को FY26 में ₹600 करोड़ के परमाणु ऑर्डर की उम्मीद है और FY27 से तेज ग्रोथ देखने को मिल सकती है। अगले 3-6 महीनों में परमाणु ऊर्जा विभाग से ₹1,000 करोड़ के ऑर्डर की संभावना है। कैगा-5 & 6 (दो नए 700 MW रिएक्टर) और मौजूदा रिएक्टरों के रीफर्बिशमेंट से बड़े ऑर्डर भी अपेक्षित हैं। कंपनी नई डेडिकेटेड प्लांट लगा रही है, FY27 से 35-40% YoY ग्रोथ का अनुमान है।

    MTAR Technologies के शेयर ने पिछले 5 साल में 157.80 फीसदी का रिटर्न दिया है। यदि आपने इसमें 5 साल पहले 1 लाख लगाए होते तो यह 1,57,800 रुपये हो जाते। अभी इसका शेयर 4,025 रुपये के आस-पास है।

    कंपनी अभी कितना P/E 10-साल का औसत P/E इंडस्ट्री P/E
    BHEL 179 61 50.5
    NTPC 13.4 11.7 29.2
    लार्सन एंड टुब्रो 33.9 27.5 21.2
    MTAR टेक 175 76.7 (3-वर्ष) 64

    NTPC इस समूह में सबसे किफायती दिख रही है, जबकि BHEL और MTAR में हाई वैल्युएशन लंबी अवधि की ग्रोथ की उम्मीद को दिखाता है।

    भारत का परमाणु ऊर्जा विस्तार सिर्फ ऊर्जा परिवर्तन नहीं, बल्कि एक बड़ा विनिर्माण पुनर्जागरण भी है। 2032 तक 22.8 GW और 2047 तक 100 GW का लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वदेशीकरण पर जोर बढ़ेगा। इस यात्रा में BHEL, NTPC, L&T और MTAR टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियां सबसे आगे रहेंगी। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह क्षेत्र नीतिगत समर्थन, स्पष्ट दृश्यता और रणनीतिक महत्व के कारण आकर्षक बना हुआ है।

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    (डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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