Tariff से लेकर VIX तक, ये हैं शेयर बाजार में गिरावट के 5 कारण, अहम लेवल से नीचे फिसला Nifty, अब आगे क्या होगा
Nifty-Sensex Closing 26 अगस्त को शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने अपने अहम सपोर्ट स्तरों को तोड़ दिया। मार्केट में आई इस बिकवाली का सबसे बड़ा कारण यूएस टैरिफ है। इसके अलावा कमजोर वैश्विक संकेत रुपये की कमजोरी और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से मार्केट में गिरावट देखने को मिली।
नई दिल्ली। 26 अगस्त को शेयर बाजार भारी गिरावट (Nify-Sensex Selloff) के साथ बंद हुआ है। निराश करने वाली बात है कि निफ्टी50, 24800-24850 के अपने अहम लेवल को तोड़कर 24700 के स्तर पर बंद हुआ है। मार्केट में आई इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण ट्रंप टैरिफ है। दरअसल, अमेरिकी प्रशासन ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ (US Secondary Tariff) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी हो जाएगा। इसके बाद भारत से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ की दर 50 फीसदी हो जाएगी।
मंगलवार को बाजार के सभी सेक्टर में बिकवाली हावी रही, सिर्फ एफएमसीजी शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। सन फार्मा, श्रीराम फाइनेंस, टाटा स्टील, डॉ रेड्डीज और कोल इंडिया समेत अन्य शेयर निफ्टी50 के टॉप लूजर रहे। आइये आपको बताते हैं 26 अगस्त को बाजार में हुई गिरावट के बड़े कारण क्या हैं।
बाजार की गिरावट के 5 बड़े कारण
टैरिफ से जुड़ी चिंताएं: शेयर बाजार में ऊपरी स्तरों से हावी बिकवाली का सबसे बड़ा कारण अमेरिका की ओर से लगाए जाने वाला अतिरिक्त टैरिफ है जो 25 फीसदी है। ऐसे में अब भारतीय कंपनियों को आयात पर 50 फीसदी टैरिफ चुकाना होगा। इस बारे में अमेरिकी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
कमजोर वैश्विक संकेत: एशिया समेत इंटरनेशनल मार्केट से मिले कमजोर संकेत भी मार्केट में बिकवाली की वजह बने हैं। 26 अगस्त को जापान का निक्केई 225, दक्षिण कोरिया का कोस्पी, हांगकांग का हैंग सेंग और शंघाई का एसएसई कंपोजिट लाल निशान में रहे। इसके अलावा, अमेरिकी फ्यूचर्स भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
FIIs की भारी बिकवाली: भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं सोमवार को एफआईआई ने 2466 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए थे और मंगलवार को भी बिकवाली का यह सिलसिला जारी रहा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली बाजार के लिए कई सेशन से चिंता का कारण बनी हुई है।
रुपये की कमजोरी: अमेरिका टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के चलते मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 22 पैसे गिरकर 87.78 पर आ गया।
वॉलेटिलिटी इंडेक्स में तेजी: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति को दर्शाना वाला इंडेक्स VIX मंगलवार को 5 प्रतिशत से ज्यादा चढ़कर 12.38 पर पहुँच गया, जो निवेशकों में जोखिम को लेकर बड़ी धारणा का संकेत है।
आगे कैसी रहेगी बाजार की राह
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा, "अमेरिकी पेनल्टी टैरिफ की समय सीमा कल समाप्त होने के कारण घरेलू बाजार में सतर्कता का माहौल है। रुपये में लगातार गिरावट से दबाव बढ़ रहा है और विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से आने वाले इन्वेस्टमेंट पर इसका असर देखने को मिल सकता है।"
एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट, रुपक डे ने कहा, "निफ्टी में तेज़ गिरावट आई और यह 24,800 के सपोर्ट लेवल से नीचे आ गया। खासतौर पर आज की गिरावट गंभीर थी, जिसने इंडेक्स को महत्वपूर्ण 50-दिवसीय ईएमए के नीचे धकेल दिया। अगर निफ्टी50 24,850 से नीचे कारोबार करता है, तब तक इंडेक्स पर बिकवाली का दबाव बना रहने की संभावना है। नीचे की ओर, निफ्टी50 इंडेक्स 24,150 या उससे नीचे तक जा सकता है।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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