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    FDI in India 2025: भारत में घटा विदेशी निवेश, किस बात से डर रहे ग्लोबल इन्वेस्टर?

    भारत में अक्टूबर-दिसंबर 2024 में FDI 5.6% घटकर $10.9 अरब रहा लेकिन अप्रैल-दिसंबर 2024 में 27% बढ़कर $40.67 अरब हो गया। सिंगापुर और अमेरिका से निवेश बढ़ा जबकि मॉरीशस जापान और ब्रिटेन से घटा। सर्विस सेक्टर कंप्यूटर टेलीकॉम और रिन्यूएबल एनर्जी को ज्यादा निवेश मिला। महाराष्ट्र गुजरात और कर्नाटक शीर्ष राज्यों में रहे। कुल मिलाकर भारत में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है।

    By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 03 Mar 2025 04:23 PM (IST)
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    महाराष्ट्र एफडीआई आकर्षित करने में सबसे आगे रहा, जहां 16.65 अरब डॉलर का निवेश आया।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में 5.6 फीसदी घटकर 10.9 अरब डॉलर रह गया। इसकी मुख्य वजह वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं मानी जा रही हैं। पिछले साल की इसी तिमाही में यह निवेश 11.55 अरब डॉलर था।

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    हालांकि, पूरे वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान एफडीआई प्रवाह 27% बढ़कर 40.67 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 32 अरब डॉलर था। कुल एफडीआई (जिसमें इक्विटी निवेश, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी शामिल हैं) भी 21.3% बढ़कर 62.48 अरब डॉलर पहुंच गया।

    किन देशों से आया ज्यादा निवेश?

    अप्रैल-दिसंबर 2024-25 के दौरान कुल विदेशी निवेश में 27% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो 40.67 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इस दौरान सिंगापुर, अमेरिका, नीदरलैंड और यूएई जैसे देशों से निवेश बढ़ा, लेकिन मॉरीशस, जापान, यूके और जर्मनी से निवेश में गिरावट देखने को मिली। प्रमुख क्षेत्रों की बात करें तो सेवाएं, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल और केमिकल सेक्टर में निवेश बढ़ा है।

    • सिंगापुर: 12 अरब डॉलर (पिछले साल 7.44 अरब डॉलर)
    • अमेरिका: 3.73 अरब डॉलर (पिछले साल 2.83 अरब डॉलर)
    • नीदरलैंड्स, यूएई, साइप्रस और सायमन आइलैंड्स से भी निवेश बढ़ा।
    • मॉरीशस, जापान, ब्रिटेन और जर्मनी से आने वाला निवेश घट गया।

    किन सेक्टर्स में निवेश बढ़ा?

    • सेवा क्षेत्र (सर्विस सेक्टर): 7.22 अरब डॉलर (पिछले साल 5.18 अरब डॉलर)
    • कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, ट्रेडिंग, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल और केमिकल सेक्टर
    • नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी): 3.5 अरब डॉलर का निवेश मिला।

    किन राज्यों को सबसे ज्यादा निवेश?

    महाराष्ट्र एफडीआई आकर्षित करने में सबसे आगे रहा, जहां 16.65 अरब डॉलर का निवेश आया। इसके बाद गुजरात (5.56 अरब डॉलर) और कर्नाटक (4.5 अरब डॉलर) का स्थान रहा।

    निवेश घटने की क्या वजह रही?

    विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक मंदी की आशंकाओं, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और कुछ देशों की सख्त नीतियों के कारण भारत में एफडीआई प्रवाह पर असर पड़ा है। हालांकि, सरकार की ओर से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लगातार नीतिगत सुधार किए जा रहे हैं, जिससे आने वाले महीनों में स्थिति में सुधार हो सकता है।

    क्या कहते हैं ये आंकड़े?

    हालांकि इस तिमाही में एफडीआई थोड़ा घटा है, लेकिन कुल मिलाकर निवेश बढ़ रहा है। भारत में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है, खासकर टेक और सेवा क्षेत्रों में। लेकिन कुछ देशों से निवेश में गिरावट चिंता का विषय हो सकती है। आने वाले महीनों में सरकार की नीतियां और वैश्विक परिस्थितियां इसमें बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

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