Portfolio Diversification: अपने निवेश पोर्टफोलियों में विविधता लाना क्यों है जरूरी, क्या होता है इसका फायदा; यहां है पूरी जानकारी
Portfolio Diversification शेयर बाजार में निवेश करते समय आपने शायद कई बार लोगों से यह सुना होगा कि निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखनी चाहिए। तो आपको अपने पोर्टफोलियो में विविधता क्यों बनाए रखनी चाहिए और इससे आपको क्या फायदा होगा? इसके अलावा यह भी जानिए कि अपने पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लाएं। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Portfolio Diversification। मौजूदा वक्त में लोगों के पास निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं। ऐसे में निवेश से रिटर्न कमाना ज्यादा मुश्किल नहीं है। बाजार में निवेश करने के दौरान आपने अकसर लोगों से सुना होगा कि एक निवेशक को अपने पोर्टफोलियों में विविधता रखनी चाहिए।
तो आखिर क्यों आपको अपना पोर्टफिलियो डायवर्स (Portfolio Diverse) रखाना चाहिए, इससे आपको क्या फायदा होगा। आज हम आपको इन्हीं सब सवालों का जवाब देंगे।
क्या होता है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन?
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का आसान सा मतलब यह होता है कि आप निवेशक के तौर पर अपना पैसा एक जगह पर डालने के बजाए अलग-अलग जगहों में निवेश करें।
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विभिन्न जगहों से मतलब यह है कि मान लीजिए आप अपना पैसा म्यूचुअल फंड में लगाते हैं। ऐसे में आपको अपना अगला निवेश स्टॉक, डेट फंड, गोल्ड, रियल स्टेट, एफडी, आरडी, बॉन्ड, इत्यादि जैसे निवेश उपकरणों में निवेश करना चाहिए ना की सिर्फ म्यूचुअल फंड में।
क्यों जरूरी है पोर्टफोलियों डायवर्सिफिकेशन?
एक निवेशक के तौर पर आप निवेश उच्च रिटर्न पाने के लिए करते हैं। ऐसे में पोर्टफोलियों डायवर्सिफिकेशन इसलिए जरूरी है ताकी आपको अधिक नुकसान ना उठाना पड़े।
आपका निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप अपना पैसा अलग-अलग निवेश उपकरणों में डाले ताकी अगर एक जगह आपका पैसा गिरे तो दूसरे जगह आप अपने अन्य निवेश से रिटर्न कमा लें। अगर आपने अपना पैसा सिर्फ एक जगह ही लगा रखा है तो बाजार में गिरावट के बाद बहुत मुमकिन है कि आपको ज्यादा नुकसान हो, वहीं अगर आपने पैसा अलग-अलग सेक्टर में लगा रखा है तो आपको कम नुकसान हो सकता है।
कैसे लाएं विविधता?
अगर आप अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाते हैं तो आप सबसे पहले अपने निवेश प्रोफाइल की पहचान करना है कि आपको कितने प्रतिशत का रिटर्न चाहिए, इसके अलावा अपने परिस्थितियों का भी आंकलन करें कि आप उस वक्त निवेश कर सकते हैं या नहीं।
इसके बाद आप निवेश के लिए उचित पैसा अलग करें कि आपको कितना पैसा निवेश करना है। फिर आप यह तय करें की आपको इक्विटी, डेट, और अन्य निवेश उपकरणों में कितना-कितना पैसा डालना है।
Disclaimer: (यह जानकारी प्राप्त सूचनाओं पर आधारित है, कृपया निवेश करने से पहले अपने विशेषज्ञों की राय जरूर लें और अपने जोखिम पर ही निवेश करें।)
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