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    Property में निवेश के वक्त आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां, जानिए

    By NiteshEdited By:
    Updated: Wed, 14 Oct 2020 09:08 AM (IST)

    प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन का आवेदन करते समय बैंक आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री की जांच करते हैं। क्रेडिट हिस्‍ट्री में कोई दिक्कत हो तो लोन का आवेदन खारिज हो सकता है या फिर आपसे ज्यादा ब्याज लिया जा सकता है।

    common mistakes to avoid when investing in real estate

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रॉपर्टी में निवेश करना बेहतर निवेश विकल्प के तौर पर जाना जाता है। लेकिन कई बार प्रॉपर्टी में निवेश के वक़्त लोग गलती कर जाते हैं। इस वजह से उन्हें उम्मीद के मुताबिक, रिटर्न नहीं मिल पाता है। त्योहारी सीजन आ रहे हैं, ऐसे में लोग प्रॉपर्टी में निवेश या नई प्रॉपर्टी के बारे में सोच सकते हैं। कई बार ऐसा होता है जब नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश के वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना और गलतियों से बचना चाहिए। जानिए कौन सी ऐसी गलतियां हैं जो लोग अक्सर कर जाते हैं। 

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    क्रेडिट स्‍कोर जानिए: प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन का आवेदन करते समय बैंक आपकी क्रेडिट हिस्‍ट्री की जांच करते हैं। क्रेडिट हिस्‍ट्री में कोई दिक्कत हो तो लोन का आवेदन खारिज हो सकता है, या फिर आपसे ज्यादा ब्याज लिया जा सकता है। अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री 750 या इससे अधिक है तो आपको सबसे कम दरों का लाभ मिल सकता है। इसलिए लोन का आवेदन करने से पहले अपने क्रेडिट स्‍कोर को चेक कर लें। आप इसकी जानकारी ऑनलाइन भी ले सकते हैं। 

    होमवर्क करना है जरूरी: अच्‍छी प्रॉपर्टी खरीदना हो तो इसके लिए समय देना पड़ता है। मूल्य और लोकेशन के अलावा खरीदारी में स्‍पेस को भी ध्‍यान में रखना चाहिए। इसके लिए काफी छानबीन करना होता है। ये भी पता कर लें कि प्रॉपर्टी पर कोई मुकदमा तो नहीं है। 

    जल्‍दबाजी में खरीदारी: खरीदारी का कोई फैसला करने से पहले कई प्रॉपर्टियों का पता कर लेना सही रहता है। इसमें किसी भी तरह की जल्‍दबाजी न करें। कमीशन बनाने के लिए कोई ब्रोकर अनुचित प्रॉपर्टी भी खरीदवा सकता है। इसके अलावा आप रियल एस्‍टेट इनवेस्‍टमेंट की पूरी कॉस्‍ट भी निकालें। 

    बाकी निवेश से तुलना: अगर प्रॉपर्टी खरीदने का एक मात्र लक्ष्य निवेश करना है तो बाकी निवेश विकल्प मसलन, स्‍मॉल सेविंग्‍स या इक्विटी जैसे फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट कहीं सस्‍ते विकल्‍प हैं। इसके अलावा म्‍यूचुअल फंड भी निवेश विकल्प हो सकता है। रियल एस्‍टेट में जहां मेनटिनेंस कॉस्‍ट और प्रॉपर्टी टैक्‍स देना पड़ता है। वहीं, अन्‍य इंस्‍ट्रूमेंट में निवेश को मेनटेन का खर्च बहुत मामूली होता है।