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    Minimum Balance से हैं परेशान, इन बैंकों में 0 मिनिमम बैलेंस, चेक करें लिस्ट

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 09:21 AM (IST)

    आज भी कई बैंक ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस की आड़ में भारी भरकम पैसा वसूल रहे हैं। अगर आप मिनिमम बैलेंस से परेशान है तो ये आर्टिकल की आपकी मदद कर सकता है। आज हम आपके लिए ऐसे बैंकों की लिस्ट लेकर आए हैं जो 0 मिनिमम बैलेंस वसूलते हैं। चलिए इनकी लिस्ट देख लेते हैं।

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    मिनिमम बैलेंस की झंझट खत्म! ये बैंक दे रहे हैं जीरो बैलेंस खाते

    नई दिल्ली। आपके बैंक में पड़े पैसों पर कई तरह के चार्जिस लगते हैं, जिनसे बेहद कम लोग ही वाकिफ है। इनमें मिनिमम बैलेंस शामिल है। ये वे रकम है, जो आपको बैंक अकाउंट में बनाकर रखनी होती है। हर बैंक अलग-अलग मिनिमम बैलेंस तय करती है।

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    अगर कोई ग्राहक इस मिनिमम बैलेंस को बनाए नहीं रखता, तो उसे चार्जिस देने पड़ते हैं। आइए अब ऐसे बैंकों की बात कर लें, जिनमें आपको मिनिमम बैलेंस रखने की झंझट नहीं है।

    0 मिनिमम बैलेंस लेने वाले बैंक

    बैंक खाता टाइप ब्याज दर
    स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट 2.70%
    HDFC बैंक BSBDA 3.00%
    ICICI बैंक BSBDA 3.00%
    एक्सिस बैंक बेसिक सेविंग अकाउंट 3.00%
    यस बैंक स्मार्ट सैलरी एडवांटेज अकाउंट एडवांटेज 3.00%

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    कुछ सरकारी बैंकों में भी अब मिनिमम बैलेंस हटा दिया गया है। इनमें- 

    • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
    • पंजाब नेशनल बैंक
    • इंडियन बैंक
    • केनरा बैंक
    • बैंक ऑफ बड़ौदा

    क्यों वसूलता है Minimum Balance Charge?

    आजकल बैंक कई तरह की सुविधाएं जैसे एटीएम, मोबाइल बैंकिंग और कस्टमर सपोर्ट देने का काम करता है। वहीं बैंक को अपना ऑफिस मेंटेन करना होता है। वहीं अपने स्टाफ को पे करना होता है। इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित करना होता है कि सभी डिजिटल सर्विस सही तरीके से चले।

    दो तरह के होते हैं Minimum Balance

    ग्राहकों को सेविंग अकाउंट पर तो तरह के मिनिमम बैलैंस मैनेज करने होते हैं। पहला हर दिन एक बैलेंस मैनटेन करना पड़ता है और महीने के हिसाब से भी एक बैलेंस मैनेज करना पड़ता है।

    ग्राहकों को क्या आ रही है परेशानी?

    आजकल कई बड़ी कंपनियां बैंक के साथ टाई करती है। इसके तहत उनका निश्चित बैंक में सैलरी अकाउंट खोला जाता है। फिर कंपनी बदलने पर दूसरी कंपनी में नए बैंक में नया अकाउंट खोला जाता है। ऐसे में पिछला सैलरी अकाउंट, सेविंग अकाउंट बन जाता है। ऐसे में सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना मुश्किल है। इस स्थिति में आप जो बैंक खाता आपको नहीं चाहिए उन्हें बंद करवा सकते हैं या नई कंपनी ने नया बैंक अकाउंट न खोले।