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    Jinping लाएंगे खुद का बैंक, तो क्या विश्व बैंक हो जाएगा पीछे? क्या है चीनी राष्ट्रपति का प्लान

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 06:54 PM (IST)

    चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने SCO Summit 2025 शिखर सम्मेलन में चीन SCO विकास बैंक को तेज़ी से बनाने की बात कही है जिसका उद्देश्य संगठन के दायरे को बढ़ाना है। उन्होंने SCO सदस्यों को 1.4 अरब डॉलर का लोन देने का वादा किया है। पुतिन ने मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधार का समर्थन किया। SCO सम्मेलन का लक्ष्य मध्य एशिया में अमेरिकी प्रभाव को कम करना है।

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    चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping ने चीन SCO विकास बैंक को बनाने की बात कही है।

    नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit 2025) के शिखर सम्मेलन में चीन SCO विकास बैंक (China SCO Development Bank) को बनाने में तेजी लाने की बात कही है। इसका मकसद इस संगठन के वर्चस्व और इसके दायरे को बढ़ाना है। बैंक को जोड़ने और लोन प्रदान करने पर जोर देने के साथ, शी संगठन के दायरे का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं।

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    उन्होंने SCO सदस्यों के लिए अगले तीन सालों में 1.4 अरब डॉलर (12,344 करोड़ रुपये) का लोन देने का वादा किया। हालांकि ये लोन नए विकास बैंक को देखते हुए हैं या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। साथ ही इसके लिए कोई समय-सीमा जारी नहीं की गई है।

    यह भी पढ़ें: दो महाशक्तिशाली देश एक साथ... ट्रेड से इंटरनेशनल रिलेशन तक, भारत-चीन की दोस्ती पर दुनिया की नजर

    शी ने SCO के उद्घाटन भाषण में कहा, "वर्तमान में, जैसे-जैसे वैश्विक परिस्थितियां अधिक जटिल और अशांत होती जा रही हैं, सदस्य देशों को सुरक्षा और विकास संबंधी अधिक कठिन जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ रहा है।"

    नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर अल्फ्रेड वू ने कहा, "शी एक वैकल्पिक विश्व व्यवस्था प्रदान करना चाहते हैं, क्योंकि अमेरिका के नेतृत्व वाली विश्व व्यवस्था में भारी गिरावट आ रही है। जो इसकी बहुत बड़ी वजह है।"

    शी ने यह भी कहा कि राष्ट्रों को "शीत युद्ध की मानसिकता, गुट-आधारित टकराव और धौंस-धमकी का विरोध करना चाहिए। साथ ही संयुक्त राष्ट्र को अपने मूल में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए।"

    इसके अलावा शी ने आगे कहा "एक समान और व्यवस्थित तरीके से एक समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण की वकालत करनी चाहिए। एक अधिक न्यायसंगत और उचित वैश्विक शासन प्रणाली के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए।"

    पुतिन ने किया मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधार का समर्थन

    SCO सम्मेलन में दर्जन देशों के नेताओं सहित रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी  शामिल हुए। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ द्वारा जारी एक लिखित साक्षात्कार में पुतिन ने कहा कि रूस और चीन संयुक्त रूप से "भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों" के खिलाफ हैं जो दुनिया के सामाजिक-आर्थिक विकास को व्यापक रूप से प्रभावित करते हैं।

    उन्होंने कहा कि रूस अपने चीनी साझेदारों के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में सुधार का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, "वित्त का उपयोग नव-उपनिवेशवाद के साधन के रूप में समाप्त करना आवश्यक है, जो वैश्विक बहुमत के हितों के विपरीत है।"

    SCO सम्मेलन का मकसद

    SCO सम्मेलन के माध्यम से मध्य एशिया में अमेरिकी प्रभाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही इस समूह का आकार और प्रभाव पिछले कुछ सालों में बढ़ा है। हालांकि यह खास तौर से एक सुरक्षा मंच ही बना हुआ है।

    चीन चाहता है कि SCO वैश्विक मंच पर एक बड़ी भूमिका निभाए, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह संगठन कितना प्रभावी होगा। अतीत में इसका ध्यान अपने सदस्य देशों की सुरक्षा पहलों को बढ़ावा देने पर रहा है। चीन ने कहा कि SCO उन तीन शक्तियों से निपटने में प्रभावी है जिन्हें वह आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद कहता है।

     SCO में शामिल हैं ये देश

    2001 में स्थापित, SCO में अब रूस, बेलारूस, चीन, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। अफगानिस्तान और मंगोलिया पर्यवेक्षक देश हैं और 14 अन्य देश, जिनमें मध्य पूर्व के कई देश शामिल हैं, "वार्ता भागीदार" के रूप में कार्य करते हैं।

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