VPF vs GPF: दोनों प्रोविडेंट फंड में क्या अंतर, कौन किसमें कर सकता है निवेश? समझें फायदे वाली बात
प्रोविडेंट फंड की दुनिया में निवेश के दो बेहतरीन ऑप्शन हैं- वीपीएफ और जीपीएफ। VPF प्राइवेट कर्मचारियों के लिए होता है। इसमें वे अपने EPF खाते में अतिरिक्त योगदान कर सकते हैं। जबकि GPF सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। इसमें कर्मचारी अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने जमा करता है। यह रकम रिटायरमेंट पर ब्याज समेत मिलती है। सवाल है कि दोनों में ब्याज किसमें ज्यादा मिलता है?

नई दिल्ली| अगर आप सरकारी नौकरी में हैं या निजी सेक्टर में काम करते हैं, तो आपके दिमाग में एक सवाल जरूर आता होगा- वीपीएफ या जीपीएफ (VPF vs GPF Comparison) में कौन बेहतर है? दोनों ही प्रोविडेंट फंड हैं, लेकिन इनके नियम, ब्याज दर और निवेशकों की श्रेणी अलग-अलग होती है। आइए समझते हैं दोनों के बीच का अंतर, ब्याज दरें और 10-15 साल के हिसाब से रिटर्न की तुलना।
वीपीएफ क्या है? (What is VPF)
वीपीएफ यानी वॉल्यून्ट्री प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident Fund) निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है। इसमें वे अपने एम्पलॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) खाते में अतिरिक्त योगदान कर सकते हैं। आमतौर पर EPF में कर्मचारी 12% तक योगदान करता है, लेकिन VPF में वह स्वेच्छा से इससे ज्यादा रकम जमा कर सकता है। VPF पर वही ब्याज मिलता है, जो EPF पर मिलता है, अभी करीब 8.25%। यह दर सरकार द्वारा तय की जाती है और GPF से थोड़ी ज्यादा होती है।
जीपीएफ क्या है? (What is GPF)
जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड (General Provident Fund) सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। इसमें कर्मचारी अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने जमा करता है। यह रकम रिटायरमेंट पर ब्याज समेत मिलती है।
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जीपीएफ का पूरा नियंत्रण सरकार के पास होता है और इसमें जमा रकम सुरक्षित मानी जाती है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GPF पर ब्याज दर 7.1% सालाना है। यह दर सरकार हर तीन महीने में तय करती है, लेकिन पिछले कई वर्षों से लगभग यही बनी हुई है।
कौन देता है ज्यादा ब्याज?
दोनों में से VPF पर ब्याज दर 8.25% है, जबकि GPF पर 7.1% ब्जाज मिलता है। यानी ब्याज के लिहाज से VPF थोड़ा ज्यादा फायदेमंद है।
10 और 15 साल का कैलकुलेशन (VPF vs GPF Calculation)
अगर आप हर महीने 10,000 रुपए जमा करते हैं तो:
- जीपीएफ में 10 साल में 12,00,000 रुपए जमा होंगे। जिस पर 7.1 फीसदी ब्याज के साथ मैच्योरिटी पर यह रकम 17.2 लाख रुपए हो जाएगी। यानी आपको कुल 5,20,000 रुपए का फायदा होगा।
- वीपीएफ में 10 साल में 12 लाख रुपए जमा करने पर आपको मैच्योरिटी पर 18,80,000 रुपए मिलेंगे। यानी आपको 6,80,000 रुपए का फायदा होगा। यह रकम जीपीएफ से 1,60,000 रुपए ज्यादा है।
- जीपीएफ में यह रकम 15 साल तक जमा करने पर आफको 31,60,000 रुपए मिलेंगे, जबकि वीपीएफ में 35,80,000 रुपए मिलेंगे। यानी साफ शब्दों में कहें तो वीपीएफ में जीपीएफ से ज्यादा रिटर्न मिलता है।
निवेश के लिहाज से कौन बेहतर?
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं, तो आपके लिए GPF पहले से ही अनिवार्य और सुरक्षित है। लेकिन अगर आप प्राइवेट सेक्टर में हैं और लंबी अवधि का टैक्स-फ्री, सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो VPF सबसे अच्छा विकल्प है। दोनों में ही रिटर्न सुरक्षित हैं, लेकिन ब्याज दर और टैक्स बेनिफिट्स के लिहाज से VPF थोड़ी बढ़त देता है।
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