SBI IMPS Charges : एसबीआई का बड़ा झटका, 25000 से ज्यादा के आईएमपीएस पर वसूलेगा चार्ज; जानें कब से लागू होगा नियम?
SBI इंस्टेंट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिये फंड ट्रांसफर यानी धन हस्तांतरण पर 15 अगस्त से शुल्क वसूलेगा। हालांकि यह नाम मात्र का होगा। अब 25000 रुपए से एक लाख रुपये तक के ऑनलाइट ट्रांसफर पर दो रुपए एक से दो लाख रुपए के ट्रांसफर पर छह रुपए और दो से पांच लाख रुपए भेजने पर 10 रुपए का शुल्क (जीएसटी अतिरिक्त) लगेगा।

नई दिल्ली| SBI IMPS Charges : देश का सबसे बड़ा बैंक SBI इंस्टेंट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिये फंड ट्रांसफर यानी धन हस्तांतरण पर 15 अगस्त से शुल्क वसूलेगा। हालांकि यह नाम मात्र का होगा। अब 25,000 रुपए से एक लाख रुपए तक के ऑनलाइट ट्रांसफर पर दो रुपए, एक से दो लाख रुपए के ट्रांसफर पर छह रुपए और दो से पांच लाख रुपए भेजने पर 10 रुपए का शुल्क (जीएसटी अतिरिक्त) लगेगा।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के अनुसार, बैंक शाखा के जरिए IMPS लेनदेन पर लगने वाले शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सैलरी पैकेज खाताधारकों को ऑनलाइन IMPS लेनदेन पर पूरी छूट मिलती रहेगी।
कॉरपोरेट ग्राहकों के लिए संशोधित शुल्क 8 सितंबर, 2025 से लागू होंगे। इसके साथ ही चालू खाता श्रेणी (गोल्ड, डायमंड, प्लेटिनम, रोडियम, सरकारी विभाग, स्वायत्त/वैधानिक निकाय) को ऑनलाइन IMPS पर शुल्क से छूट मिलती रहेगी।
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उधर, निजी क्षेत्र के बैंक ICICI ने ग्राहकों की जबर्दस्त प्रतिक्रिया के बाद बचत खातों में न्यूनतम मासिक राशि की सीमा को 50,000 रुपए से घटाकर 15,000 रुपए कर दिया है। बैंक ने एक अगस्त से महानगरों में खुलने वाले नए बचत खातों के लिए यह सीमा 10,000 से पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी थी।
बैंक के मुताबिक, संशोधित मानकों के तहत कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए न्यूनतम मासिक औसत बैलेंस (MAB) क्रमश: 7,500 एवं 2,500 रुपए कर दिया गया है जो एक अगस्त से पहले क्रमश: 5,000 एवं 2,000 रुपए था।
हालांकि नई शर्तें वेतन खातों, वरिष्ठ नागरिकों/पेंशनभोगियों, बुनियादी बचत बैंक जमा खाता/ प्रधानमंत्री जनधन योजना और विशेष जरूरत वाले लोगों के खातों पर लागू नहीं होंगी। इसके साथ ही 31 जुलाई, 2025 से पहले बैंक में खोले गए बचत खातों पर भी इन बदलावों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
बता दें कि कम बैलेंस होने पर बैंक छह प्रतिशत या अधिकतम 500 रुपए (जो भी कम हो) का जुर्माना वसूल सकता है।
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4 अक्टूबर से बैंकों से कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे चेक
चार अक्टूबर से बैंकों में जमा किए गए चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। RBI ने चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) को कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट आन रियलाइजेशन में परिवर्तित करने की घोषणा की है। RBI ने बताया कि यह प्रक्रिया दो चरणों में लागू होगी।
पहले चरण का क्रियान्वयन चार अक्टूबर से शुरू होगा और दूसरा चरण तीन जनवरी, 2026 से लागू होगा। नए सिस्टम में चेक को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक पेश करना होगा। चेक की पुष्टि के लिए बैंकों को शाम सात बजे तक का समय दिया जाएगा।
यदि समय सीमा के भीतर संबंधित बैंक की ओर से कोई टिप्पणी नहीं दी जाती है तो चेक को स्वीकृत माना जाएगा। दूसरे चरण में बैंक को चेक पेश होने के तीन घंटे के अंदर उसे क्लियर करना होगा।
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