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    Personal Loan: छोटा सा फर्क, लेकिन असर बड़ा; लोन लेने से पहले कर लें बस ये एक काम, होगी हजारों-लाखों की बचत

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 09:09 PM (IST)

    Personal Loan Tips: पर्सनल लोन लेते समय ब्याज दरों की तुलना करना, फीस और शुल्कों की जानकारी लेना, अपनी जरूरत का आकलन करना, क्रेडिट स्कोर का ध्यान रखना और रीपेमेंट की योजना बनाना महत्वपूर्ण है। इन बातों का ध्यान रखकर आप हजारों-लाखों की बचत कर सकते हैं और लोन को आसानी से चुका सकते हैं।

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    सिर्फ 2% का फर्क, जेब से निकल जाएंगे 17 हजार रुपए ज्यादा; समझ लें पूरा कैलकुलेशन।

    Personal Loan Tips: अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ आसान किस्तों या फटाफट अप्रूवल के चक्कर में साइन करने से पहले थोड़ा ठहर लीजिए। क्योंकि लोन का असली बोझ ब्याज दर (Rate of Interest) से तय होता है। यह फर्क छोटा दिखता है, लेकिन जेब पर बड़ा असर डालता है।

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    पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होता है, यानी इसमें कोई गारंटी या संपत्ति गिरवी नहीं रखनी पड़ती। इसी वजह से बैंकों और NBFCs की ब्याज दरें आमतौर पर ज्यादा होती हैं और पूरी अवधि में एक जैसी रहती हैं। इसलिए, सिर्फ 1-2% ब्याज का फर्क भी हजारों रुपए महंगा पड़ सकता है।

    मान लीजिए, आपने 5 लाख रुपए का पर्सनल लोन 3 साल (36 महीने) के लिए लिया है। जिसमें 11% इंट्रेस्ट के हिसाब से 89,284 रुपए का ब्याज भरना पड़ेगा, जबकि 13% इंट्रेस्ट के हिसाब से आपको 17 हजार रुपए से ज्यादा चुकाने होंगे।

    यह भी पढ़ें- SIP Calculation: सिर्फ ₹250 महीने की SIP से कैसे बनेगा ₹76 लाख का फंड? ये रहा पूरा कैलकुलेशन

    नीचे दी गई टेबल में देखें कि ब्याज दर के साथ कुल भुगतान कितना बढ़ जाता है-

    ब्याज दर (%) कुल ब्याज (₹ में)
    11% 89,284
    11.50% 93,568
    12% 97,852
    12.50% 1,02,172
    13% 1,06,492

    यानी, सिर्फ 2% ब्याज दर बढ़ने पर ₹17,208 रुपए का अतिरिक्त ब्याज देना पड़ता है। अब सोचिए, अगर लोन की रकम 10 लाख या 15 लाख रुपए हो, तो यह फर्क कितनी बड़ी रकम बन जाएगा।

    लोन लेने से पहले 3 बातों का रखे ध्यान

    लोन लेने से पहले ब्याज दर के साथ-साथ इन तीन बातों का भी ध्यान जरूर रखें।

    • प्रोसेसिंग चार्ज: कई बार बैंक कम ब्याज दिखाकर ऊंचे प्रोसेसिंग शुल्क वसूलते हैं। इससे आपका फायदा खत्म हो जाता है।
    • छिपे हुए शुल्क (Hidden Charges): देर से EMI भरने, प्री-क्लोजर या स्टेटमेंट चार्ज जैसे अतिरिक्त खर्चों पर नजर रखें।
    • कस्टमर सर्विस: अगर बैंक या NBFC की सेवा खराब है, तो थोड़ा सस्ता ब्याज भी आपको भारी पड़ सकता है।

    संक्षेप में कहें तो पर्सनल लोन लेने से पहले लोन की कुल लागत (Cost of Borrowing) जरूर जांचें। क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही आपको हजारों रुपए ज्यादा चुकाने पर मजबूर कर सकती है।

     

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