IREIT क्या है, जिसने FD से ज्यादा दिया रिटर्न; अमेरिका-सिंगापुर भी छूटे पीछे
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (IREITs) भारत में निवेशकों को 6-7.5% का सालाना रिटर्न दे रहे हैं जो अमेरिका जैसे विकसित बाजारों से भी बेहतर है। यह रिटर्न बैंक FD से भी ज्यादा है। क्रेडाई और एनाराक की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय IREIT निश्चित आय के साथ-साथ पूंजी वृद्धि की संभावना भी प्रदान करते हैं। भारत में पांच लिस्टेड IREIT हैं जो निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प हैं।

नई दिल्ली। भारत में जो रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (IREITs) यानी ऐसे निवेश फंड जो बड़ी-बड़ी प्रॉपर्टी (जैसे ऑफिस बिल्डिंग, मॉल, आदि) में पैसा लगाते हैं और उस प्रॉपर्टी से जो किराया या कमाई होती है, वो अपने यूनिटधारकों (निवेशकों) को देते हैं।वो बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दे रहे हैं।
भारतीय रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (IREIT) अपने यूनिटधारकों को औसतन 6-7.5 फीसदी का सालाना रिटर्न दे रहे हैं, जो अमेरिका सहित कई परिपक्व बाजारों से बेहतर है। यह बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट लगभग 5-6% तक ब्याज से भी ज्यादा है।
अमेरिका-सिंगापुर-जापान में कितना मिला रिटर्न
अमेरिका में औसत रिटर्न 2.5-3.5 फीसदी, सिंगापुर में 5-6 फीसदी और जापान में 4.5-5.5 फीसदी है। यह बात भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई और संपत्ति सलाहकार एनाराक द्वारा यहां जारी एक रिपोर्ट में कही गई है।
इस समय भारत में पांच लिस्टेड IREIT हैं। इसमें ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट, एंबेसी आफिस पार्क्स IREIT, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स IREIT, नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट और नालेज रियल्टी ट्रस्ट शामिल हैं।
भारतीय IREIT-संस्थागत रियल एस्टेट का प्रवेश द्वार नामक इस रिपोर्ट में कहा गया, है कि भारतीय IREIT का औसत प्रतिफल छह फीसदी से 7.5 फीसदी के बीच है, जो निश्चित आय वाले निवेश साधनों का मुकालबा करते हैं, लेकिन इसमें पूंजी वृद्धि की अतिरिक्त संभावना भी है।
रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर अन्य IREIT बाजारों की तुलना में भारत अभी भी अमेरिका, सिंगापुर और जापान जैसे परिपक्व बाजारों से पीछे है। हालांकि, भारत में जोखिम-समायोजित प्रतिफल आकर्षक बने हुए हैं।
एनाराक कैपिटल के सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा, कि भारतीय IREIT देर से उभरे हैं, लेकिन अब वे अग्रणी हैं। वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में देर से प्रवेश करने के बावजूद, भारत के बुनियादी सिद्धांत मजबूत हैं।'
क्रेडाई के प्रेसिडेंट शेखर पटेल ने कहा कि जैसे-जैसे भारत के शहर विकसित होंगे, बुनियादी ढांचा मजबूत होगा और अर्थव्यवस्था की विविधता बढ़ेगी, वैसे-वैसे रीट का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि यह बदलाव निवेशकों के लिए अभूतपूर्व अवसर खोलेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।