ITR भरने वालों के लिए बड़ा अलर्ट: आयकर विभाग का मैसेज आया है तो घबराएं नहीं, ये है असली मतलब
ITR filing 2025-26: आयकर विभाग ने करदाताओं को सतर्क करने के लिए संदेश भेजे हैं, ताकि वे अपनी जानकारी को स्वेच्छा से सुधार सकें। ये संदेश उन मामलों मे ...और पढ़ें

ITR भरने वालों के लिए बड़ा अलर्ट: आयकर विभाग का मैसेज आया है तो घबराएं नहीं, ये है असली मतलब
Income Tax Department: अगर आपको आयकर विभाग की तरफ से हाल ही में कोई ई-मेल या मैसेज मिला है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आयकर विभाग ने साफ किया है कि ये संदेश किसी कार्रवाई के लिए नहीं, बल्कि टैक्सपेयर्स को सतर्क करने और स्वेच्छा से सुधार का मौका देने के लिए भेजे गए हैं।
आयकर विभाग के मुताबिक, ये मैसेज उन्हीं मामलों में भेजे गए हैं जहां आईटीआर (ITR) में दी गई जानकारी और विभाग के पास मौजूद डेटा के बीच बड़ा अंतर नजर आया है। यह डेटा बैंकों, निवेश संस्थानों और विदेशी टैक्स एजेंसियों से मिलता है।
आयकर विभाग ने क्या कहा?
आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि ये कम्युनिकेशन सलाहात्मक (advisory) हैं, न कि जांच या कार्रवाई की शुरुआत। विभाग का कहना है, "इन संदेशों का मकसद टैक्सपेयर्स को यह बताना है कि उनके कुछ लेन-देन की जानकारी विभाग के पास है, ताकि वे एनुअल इन्फोर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) देखकर सही जानकारी दे सकें।"
किन लोगों को मिला आयकर विभाग का मैसेज?
सीए बताते हैं कि, "यह मैसेज खासतौर पर उन लोगों को भेजे गए हैं जिन्होंने विदेशी बैंक अकाउंट, विदेशी शेयर, म्यूचुअल फंड, ESOPs या RSUs, विदेश में प्रॉपर्टी, क्रिप्टो या डिजिटल एसेट जैसी चीजें आईटीआर में डिस्क्लोज नहीं की हैं।"
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ITR कौन-कौन से विदेशी एसेट बताना जरूरी?
सीए बताते हैं कि आईटीआर के शेड्यूल-फॉरेन एसेट (Schedule FA) में ये सभी चीजें बताना जरूरी है:
- भारत के बाहर जमीन या फ्लैट
- विदेशी बैंक अकाउंट (चाहे निष्क्रिय हो)
- विदेशी इंश्योरेंस पॉलिसी
- विदेश में शेयर, म्यूचुअल फंड
- ESOP, RSU
- विदेशी पेंशन अकाउंट
- क्रिप्टो और ट्रस्ट
सीए आगे बताते हैं कि, "चाहे उस एसेट से कोई कमाई हुई हो या नहीं, डिस्क्लोजर अनिवार्य है।"
तो अब क्या करना चाहिए?
- AIS स्टेटमेंट चेक करें
- Compliance Portal पर फीडबैक दें
- जरूरत हो तो Revised ITR फाइल करें
- ध्यान रखें, AY 2025-26 के लिए Revised या Belated ITR भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 है।
नहीं बताया तो क्या होगा?
चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि, "अगर विदेशी एसेट या इनकम डिस्क्लोज नहीं की गई, तो ब्लैक मनी एक्ट (Black Money Act) के तहत 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। गंभीर मामलों में कार्रवाई भी हो सकती है। ऐसी संपत्ति को अनडिस्क्लोस्ड फॉरेन एसेट (Undisclosed Foreign Asset) मानकर उसकी वैल्यू पर 30% तक टैक्स वसूला जा सकता है।
कौन-सा ITR फॉर्म सही?
CA Abhas Halakhandi बताते हैं कि विदेशी एसेट दिखाने के लिए आमतौर पर ITR-2 या ITR-3 का इस्तेमाल करना होता है। ITR-1 या ITR-4 इसमें मान्य नहीं हैं। यानी अगर आयकर विभाग का मैसेज आया है तो नजरअंदाज न करें। AIS जांचें, सही जानकारी दें और समय रहते ITR सुधार लें, ताकि भविष्य में जुर्माना और परेशानी से बचा जा सके।

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