ग्रेच्युटी का नियम बदला, लेकिन कैसे होता है इसका कैलकुलेशन; 3 साल बाद नौकरी छोड़ने पर कितना मिलेगा पैसा?
Gratuity Calculation: सरकार ने ग्रेच्युटी नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ज्यादा लाभ मिलेगा। नए नियमों के अनुसार, अब एक साल की नौकरी के बाद भी ग्रेच्युटी मिलेगी। ग्रेच्युटी की गणना अंतिम वेतन, सेवा के वर्षों और 15/26 के फैक्टर के आधार पर की जाएगी। इससे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी और अलग-अलग सेक्टरों में एक समान ग्रेच्युटी भुगतान सुनिश्चित होगा।
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ग्रेच्युटी का नियम बदला, लेकिन कैसे होता है इसका कैलकुलेशन; 3 साल बाद नौकरी छोड़ने पर कितना मिलेगा पैसा?
नई दिल्ली। Gratuity Calculation: सरकार ने पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत नए ग्रेच्युटी नियम जारी किए हैं, जिनका मकसद रिटायरमेंट बेनिफिट्स को बढ़ाना और ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने के तरीके में ज्यादा ट्रांसपेरेंसी लाना है। ये बदलाव फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों के लिए खास तौर पर ज़रूरी हैं, जिन्हें अब नौकरी छोड़ने पर बेहतर फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिलेगी। इन सुधारों से, सरकार को उम्मीद है कि अलग-अलग सेक्टर में सही और एक जैसा ग्रेच्युटी पेमेंट पक्का हो सकेगा।
ये बदलाव चार लेबर कोड का हिस्सा हैं - कोड ऑन वेजेज, 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड, 2020, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020, जिन्हें सरकार ने 21 नवंबर, 2025 को नोटिफाई किया था। सरकार का दावा है कि नए लेबर कानून 29 मौजूदा लेबर कानूनों को आसान बनाएंगे।
कैसे किया जाता है ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन?
ग्रेच्युटी उन कर्मचारियों के लिए एक जरूरी फायदा है जो लंबे समय तक किसी ऑर्गनाइजेशन में काम करते हैं। यह एम्प्लॉयर की तरफ से कर्मचारी की लॉयल्टी और सर्विस के लिए एक इनाम है। पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत, 10 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों को कानूनी तौर पर ग्रेच्युटी देना जरूरी है। यह नियम प्राइवेट और सरकारी दोनों सेक्टर पर लागू होता है। पहले इस नियम के तहत ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी 5 साल की लगातार सर्विस पूरी करनी होती थी। लेकिन 21 नवंबर से लागू हुए 4 नए लेबर कोड के बाद इस सीमा को 1 साल कर दिया है। यानी अब अगर आप एक साल भी नौकरी करते हैं और छोड़ते हैं तो कंपनी आपको ग्रेच्युटी देगी। आइए जानते हैं कि इसका कैलकुलेशन कैसे किया जाता है।
ग्रेच्युटी = (आखिरी सैलरी x 15 x सर्विस के साल) / 26
यह कैलकुलेशन सर्विस के हर पूरे साल के लिए 15 दिनों की सैलरी पर आधारित है, जिसमें एक महीने में काम करने के दिनों की संख्या 26 है। "लास्ट ड्रॉन सैलरी" में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता शामिल है। अगर कर्मचारी ने आखिरी साल में छह महीने से ज्यादा काम किया है, तो कैलकुलेशन के लिए इसे अगले पूरे साल में राउंड अप किया जाता है।
1 साल की नौकरी पर कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी?
मान लीजिए आपने एक साल की नौकरी की है और नौकरी छोड़ दी है और आपकी आखिरी सैलरी 30000 रुपये थी तो आपको ग्रेच्युटी उसी के अनुसार मिलेगी। इसे हम नीचे कैलकुलेट कर रहे हैं।
ग्रेच्युटी= (30000*15*1)/26
ग्रेच्युटी= 17307 रुपये
30 हजार की सैलरी के लिए एक साल की नौकरी पर आपको 17307 रुपये ग्रेच्युटी के रूप में मिलेंगे।
3 साल की नौकरी पर कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी?
मान लीजिए तीन साल की नौकरी के दौरान आखिरी साल आपकी सैलरी 40000 हजार हो गई तो ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन ऐसे होगा-
ग्रेच्युटी= (40000*15*3)/26
ग्रेच्युटी= 69230 रुपये
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