EPFO EDLI Scheme: अकाउंट में पैसे हों या ना हों, फिरभी नॉमिनी को मिलेंगे 50,000 रुपए, पर कब और कैसे?
EPFO EDLI Scheme Benefits केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने EDLI योजना में ढील देते हुए कहा है कि अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो परिवार को 50 हजार रुपए का इंश्योरेंस दिया जाएगा। कर्मचारी के खाते में चाहें पैसे हों या फिर नहीं उसके परिवार को यह लाभ तब भी मिलेगा।

नई दिल्ली| EPFO EDLI Scheme : आपके EPFO अकाउंट में पैसे हों या फिर ना हों, फिरभी आपके नॉमिनी को 50,000 रुपए मिल जाएंगे। जी हां, यह सच है। दरअसल, EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने EDLI (Employee Deposit Linked Insurance) में जरूरी बदलाव करने जा रहा है। जिसके तहत इस योजना में पहले जैसी शर्तें खत्म हो जाएंगी। ईपीएफओ (EPFO benefits 2025) में इस बदलाव से लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों को सीधा फायदा मिलेगा। अब सवाल यह है कि आखिर EDLI योजना है क्या और इसके अंतर्गत किसे फायदा मिलेगा?
EDLI स्कीम आखिर है क्या?
What is EDLI : एंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस EPFO की अहम योजना है, जिसके तहत नौकरी के दौरान मौत होने पर कर्मचारी के नॉमिनी को इंश्योरेंस का फायदा मिलता है। इसमें कर्मचारी के परिजनों या फिर नॉमिनी को एकमुश्त रकम का लाभ मिलता है। इसके तहत कर्मचारी को अपनी ओर से कोई भी अतिरिक्त पैसा नहीं देना होता। EDLI स्कीम कर्मचारी को ढाई लाख से 7 लाख रुपए तक का लाइफ इंश्योरेंस कवरेज दिया जाता है।
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श्रम और रोजगार मंत्रालय ने क्या कहा?
EDLI benefit without balance : केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय (Union Ministry of Labour and Employment) ने EDLI योजना में ढील देते हुए कहा है कि अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो परिवार को 50 हजार रुपए का इंश्योरेंस दिया जाएगा। कर्मचारी के खाते में चाहें पैसे हों या फिर नहीं, उसके परिवार को यह लाभ तब भी मिलेगा।
परिवारों को यह लाभ भी मिलेगा
नए नियम के मुताबिक, ड्यूटी के दौरान किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है तो उसके नॉमिनी को 50,000 रुपए का मुआवजा भी मिलेगा। अभी तक यह नियम था इस फायदे के लिए कर्मचारी के खाते में कम से कम 50 हजार रुपए होने चाहिए, तभी उसे इंश्योरेंस का लाभ मिलता था।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय का कहना है कि जो भी कर्मचारी EPFO के सदस्य हैं, और अंतिम सैलरी कटने के छह महीनों में उनकी मौत हो जाती है, उसका नॉमिनी तब भी इंश्योरेंस का फायदा उठा सकता है।
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अब 60 दिन का गैप ब्रेक नहीं
स्कीम में एक अहम और बड़ा बदलाव किया गया है। इसके मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी की दो नौकरियों के बीच 60 दिन तक गैप हो जाता है तो उसे अब ब्रेक नहीं माना जाएगा। आसान शब्दों मे कहें तो अगर आप कई नौकरियां कर चुके हैं और उनमें से किसी भी नौकरी के बीच 60 दिन यानी दो महीने तक का ब्रेक आ जाता है तो सभी नौकरियों को जोड़कर एक जैसी सर्विस मानी जाएगी। जिसमें कर्मचारी बीमा का पूरा फायदा उठा पाएंगे।
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