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सन फार्मा के मालिक दिलीप सांघवी पर वित्तीय अनियमितता के आरोप, क्रैश हुआ शेयर-जांच के आदेश दे सकता है SEBI

माना जा रहा है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी सन फार्मा के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग का एक पुराना मामला दोबारा खोल सकता है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 11:33 AM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 11:33 AM (IST)
सन फार्मा के मालिक दिलीप सांघवी पर वित्तीय अनियमितता के आरोप, क्रैश हुआ शेयर-जांच के आदेश दे सकता है SEBI

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सन फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्रीज के फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप सांघवी और उनके ब्रदर-इन-लॉ सुधीर वालिया के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाए जाने के बाद कंपनी के शेयरों में तेज गिरावट आई है।

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सोमवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में कंपनी का शेयर 10 फीसद से अधिक तक लुढ़क गया, जो मई 2017 के बाद से इंट्रा डे ट्रेडिंग के दौरान हुई सबसे बड़ी गिरावट है। कंपनी के शेयरों में आई गिरावट का असर फार्मा इंडेक्स पर भी दिखा।

एक व्हिसलब्लोअर ने मार्केट रेग्युलेटर सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंड बोर्ड ऑफ इंडिया) को 150 पन्नों की चिट्ठी लिखकर सांघवी और वालिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपों के मुताबिक दोनों धर्मेश दोषी नाम के शख्स के साथ वित्तीय अनियमितता के मामले में कथित रूप से संलिप्त हैं। दोषी, 2001 के केतन पारेख घोटाले में शामिल रहा है, जिस पर सेबी प्रतिबंध लगा चुका है। दोषी, पारेख के पूर्व सहयोगी रहे हैं। 2001 के घोटाले के बाद सेबी ने पारेख को भी शेयर बाजार में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर रखा है।

एक अंग्रेजी बिजनेस पोर्टल ने इस चिट्ठी को प्रकाशित किया है। आरोपों के मुताबिक 2002-2007 के दौरान सन फार्मा ने कथिक रूप से दो से तीन बार एफसीसीबी (फॉरेन करेंसी कनवर्टिबल बॉन्ड्स) को जारी किया और इसी दौरान अनियमितता हुई। इस पूरी प्रक्रिया को जर्मिन कैपिटल एलएलसी ने मैनेज किया।

केतन पारेख घोटाला में सेबी के आदेश के मुताबिक, ‘जर्मिन कैपिटल एलएलसी, जर्मिल कैपिटल पार्टनर्स पीएलसी और धर्मेश दोषी/केतन पारेख के बीच संबंध रहे हैं।’

आरोप के मुताबिक, ‘कंपनी की तरफ से जारी किए गए एफसीसीबी को मुख्य तौर पर बोमिन फाइनैंस लिमिटेड, फर्स्ट इंटरनैशनल ग्रुप पीएलसी, ऑर्बिट इनवेस्टमेंट्स पीएलसी और सन ग्लोबल इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड ने खरीदा और कई स्तरीय लेन देन के बाद इसे ऑरेंड मॉरीशस इनवेस्टमेंट और हाइपोनॉस फंड को आवंटित किया गया।’

आरोपों के मुताबिक सन फार्मा के शुरुआती एफसीसीबी से बड़ा फंड तैयार करने के बाद ग्रुप (दोशी, वालिया, सांघवी और सन फार्मा) ने एफसीसीबी कन्वर्जन या एफसीसीबी कन्वर्जन से मिले पैसे से दूसरी कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी खरीदना शुरू किया।

सेबी ने इस मामले में खुद संज्ञान लिया है। वहीं सन फार्मा ने कहा, ‘सेबी ने अभी तक इस संबंध में हमसे संपर्क नहीं किया है।’

खुल सकते हैं पुराने मामले खबरों के मुताबिक इस मामले में सन फार्मा को बड़ा झटका लग सकता है। माना जा रहा है कि मार्केट रेगुलेटर सेबी सन फार्मा के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग का एक पुराना मामला दोबारा खोल सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा प्रोमोटर्स की ओर से विदेशों से कर्ज जुटाने में गड़बड़ी के आरोपों की भी जांच हो सकती है।

दैनिक जागरण व्हिसल ब्लोअर के आरोपों की पुष्टि नहीं करता है।

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