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    SIP का पैसा आखिर कहां जाता है, म्यूचुअल फंड के पीछे लगी AMC का क्या काम? 90% लोगों को नहीं पता ये राज

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 07:49 PM (IST)

    म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) की भूमिका समझना महत्वपूर्ण है। AMC निवेशकों से जुटाए गए पैसे को म्यूचुअल फ ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक अक्सर एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) शब्द सुनते हैं, लेकिन बहुत कम लोग इसके वास्तविक कामकाज और भूमिका को पूरी तरह समझ पाते हैं। निवेशकों का पैसा आखिर जाता कहां है, उसे कौन मैनेज करता है और कैसे रिटर्न बनाने की कोशिश की जाती है। इन सवालों के जवाब समझना हर निवेशक के लिए जरूरी है।
    भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का आकार लगातार बढ़ रहा है। म्यूचअल फंड एसोसिएशन (AMFI) के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2025 में इंडस्ट्री का औसत एसेट अंडर मैनेजमेंट (AAUM) ₹81.31 लाख करोड़ तक पहुंच गया। इतने बड़े पैमाने को देखते हुए, निवेशकों के लिए AMC की भूमिका को समझना और भी अहम हो जाता है।

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    एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) क्या होती है?

    एसेट मैनेजमेंट कंपनी एक SEBI-नियंत्रित संस्था होती है, जो निवेशकों से जुटाए गए पैसे को म्यूचुअल फंड योजनाओं के जरिए निवेश करती है। भारत में SBI म्यूचुअल फंड, HDFC म्यूचुअल फंड, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड जैसी कई प्रमुख AMCs काम कर रही हैं।

    AMC का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?


    इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और ETF जैसी कैटेगरी में म्यूचुअल फंड योजनाएं बनाना और उन्हें मैनेज करना

    निवेश प्रबंधन के बदले Total Expense Ratio (TER) के जरिए शुल्क लेना

    SEBI के सभी नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करना

    निवेशकों को योजनाओं से जुड़े खर्च, जोखिम और जानकारी पूरी पारदर्शिता के साथ बताना

    AMC के प्रमुख काम क्या होते हैं?

    AMCs केवल पैसा निवेश नहीं करतीं, बल्कि जोखिम और लागत को संतुलित करते हुए रिटर्न देने की जिम्मेदारी भी निभाती हैं।

    1. निवेश रिसर्च
    अर्थव्यवस्था के सेक्टर्स, कंपनियों के फंडामेंटल्स और मैक्रो-इकनॉमिक डेटा का विश्लेषण किया जाता है।

    2. पोर्टफोलियो निर्माण
    बाजार की स्थिति के अनुसार इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड जैसे एसेट्स में निवेश का संतुलन बनाया जाता है।

    3. जोखिम प्रबंधन
    मार्केट रिस्क, क्रेडिट रिस्क, लिक्विडिटी रिस्क और ब्याज दरों में बदलाव पर लगातार नजर रखी जाती है।

    4. अनुपालन और संचालन
    NAV की गणना, फंड अकाउंटिंग और सही आंकड़ों की रिपोर्टिंग SEBI को की जाती है।

    5. निवेशक सेवा और शिकायत निवारण
    डिजिटल प्लेटफॉर्म, परफॉर्मेंस रिपोर्ट और शिकायत निवारण की सुविधा दी जाती है।

    रिटेल निवेशकों के लिए AMC क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    भारत के अधिकांश छोटे निवेशकों के लिए AMCs पेशेवर प्रबंधन, विविधीकरण और किफायती निवेश का माध्यम हैं।

    • SIP की शुरुआत सिर्फ ₹250 से की जा सकती है
    • एक ही फंड में अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश से जोखिम कम होता है
    • SEBI और AMFI की निगरानी से निवेशकों का भरोसा मजबूत होता है

    निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान?

    • फंड का ट्रैक रिकॉर्ड और प्रदर्शन इतिहास देखें
    • Expense Ratio और लंबी अवधि के लक्ष्यों का आकलन करें
    • AMC की AMFI में रजिस्ट्रेशन की पुष्टि करें
    • AMFI की आधिकारिक वेबसाइट या SEBI म्यूचुअल फंड पोर्टल से जानकारी लें

    यह भी पढ़ें: 3000 रुपये की एसआईपी से 15 साल बाद कितना बनेगा फंड, देखें गुणा-गणित

    "म्यूचअल फंड से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।"

    (डिस्क्लेमर: यहां म्यूचअल फंड को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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