SIP Calculation: 10 साल तक हर महीने 6000 रुपये निवेश करने पर कितना बनेगा रिटर्न? देखें कैलकुलेशन
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund SIP) में आज हर कोई एसआईपी के जरिए निवेश करता है। एसआईपी के जरिए आप किस्तों में पैसा निवेश कर सकते हैं। आज हम जानेंगे कि अगर कोई 10 साल के लिए हर महीने 6000 रुपये निवेश कर रहा है तो मैच्योरिटी पर कितना रिटर्न बनेगा?

नई दिल्ली। आज ज्यादातर लोग म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए एसआईपी का चयन करते हैं। एसआईपी के जरिए आप 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। आज हम जानेंगे कि अगर कोई 10 साल के लिए हर महीने 6000 रुपये निवेश कर रहा है, तो मैच्योरिटी पर कितना रिटर्न बनेगा? इसे हम SIP Calculation की मदद से समझेंगे।
कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 6000 रुपये प्रतिमाह
- रिटर्न- 12 फीसदी
अगर कोई 10 साल के लिए हर महीने 6000 रुपये निवेश करता है, उसे 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से मैच्योरिटी पर 13,94,000 रुपये मिलेंगे। इन 10 सालों में निवेश रकम 7,20,000 रुपये होगी। अब जानते हैं कि आप एसआईपी के तहत 7-5-3-1 नियम का कैसे उपयोग कर सकते हैं।
क्या है SIP का 7-5-3-1 नियम?
- 7- निवेश अवधि 7 साल रखें
- 5- 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
- जैसे इक्विटी, बॉन्ड, ईटीएफ, गोल्ड इत्यादि
- 3- तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
- 1- हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए
निवेश अवधि 7 साल रखें
ये माना जाता है कि एसआईपी के जरिए आपको कम्पाउंडिंग का फायदा तभी मिलेगा, जब आप 7 साल का इंतजार करेंगे। इसका मतलब है कि आपको निवेश अवधि 7 साल रखनी होगी।
5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश
इस नियम में इस्तेमाल होने वाला 5 ये बताता है कि आपको 5 अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश करना चाहिए। एसेट क्लास जैसे इक्विटी, बॉन्ड, रियल इस्टेट, गोल्ड इत्यादि। सरल भाषा में कहा जाए तो आपको पोर्टफोलियो को जितना हो सकें, उतना विविधीकरण करना चाहिए। ताकि आपका पोर्टफोलियो बैलेंस रह सकें।
तीन तरह के जोखिम से न घबराएं
म्यूचुअल फंड शुरू करते वक्त अक्सर निवेशक तीन अलग-अलग तरह के जोखिम से गुजरते हैं।
7 से 10 फीसदी रिटर्न मिलना
ऐसे समय में निवेशक अक्सर सोचते हैं कि इससे अच्छा रिटर्न उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट से मिल सकता था। लेकिन हमें ये समझने की जरूरत है कि म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए इसमें आपका लाभ या नुकसान दोनों ही बदलते रहते हैं।
0-7 फीसदी रिटर्न
इस स्थिति में अक्सर लोग निवेश करना छोड़ देते हैं, यहां दूसरे फंड की तरफ भागते हैं। लेकिन हमें ये समझना होगा हमने किस तरीके के फंड में निवेश किया है और उससे मिलने वाले रिटर्न में कितना समय लग सकता है। कुछ फंड प्रॉफिट देने में ज्यादा समय लगा सकते हैं।
नेगेटिव रिटर्न
नेगेटिव रिटर्न को देखकर कोई भी निराश हो सकता है। हमें ये ध्यान रखना होगा कि मार्केट में स्थिति बदलती रहती है। इसलिए थोड़ा इंतजार करना सही रहेगा।
हर साल अपने एसआईपी के अमाउंट को बढ़ाए
ये भी कहा जाता है कि निवेशकों को हर साल अपने एसआईपी का अमाउंट बढ़ाना चाहिए। इससे ज्यादा मुनाफा होने के चांस होते हैं। जितना ज्यादा अमाउंट होगा, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा।
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