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    Best Mutual fund अपने लिए कैसे चुनें, किन बातों का रखें ध्यान? एक्सपर्ट से जानें सब कुछ

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 04:39 PM (IST)

    Mutual fund में आज हर कोई निवेश करना चाहता है। लेकिन हमेशा इस बात से अनजान रहते हैं कि कौन-सा फंड उनके सही है। अक्सर ज्यादा रिटर्न देख निवेशक फंड में निवेश करते हैं जो सही नहीं है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि म्यूचुअल फंड चुनने से पहले हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। हम कैसे अपने लिए सही म्यूचुअल फंड चुन सकते हैं।

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    सही म्यूचुअल फंड कैसे चुनें एक्सपर्ट की सलाह

    नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड को आज हर कोई अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहता है। इसमें न्यूनतम अनुमानित रिटर्न 12 से 14 फीसदी है। हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर भी निर्भर करता है। हमें कभी भी सिर्फ रिटर्न को देखते हुए फंड का चयन नहीं करना चाहिए।

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    लेकिन फिर कैसे पता लगाए कि कौन-सा फंड हमारे लिए सही है? इसे लेकर हमने एक्सपर्ट से बातचीत की है। आइए जानते हैं कि फंड चुनने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसे लेकर एक्सपर्ट क्या कहते हैं।

    हमने इसे लेकर यूटीआई एएमसी के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एंड हेड ऑफ प्रोडक्ट्स, फरहाद गादीवाला से बातचीत की थी। उन्होंने निवेशकों को फंड चुनने से पहले कुछ खास बातों पर गौर करने के लिए कहा है।

    किन बातों का रखें ध्यान?

    फरहाद गादीवाला का कहना है कि सही म्यूचुअल फंड का मतलब ये नहीं है कि पिछले रिटर्न के पीछे भागा जाए। इसके लिए कई कारकों का मूल्यांकन करना जरूरी है। सबसे पहले आपको ये देखना होगा कि निवेश करने का उद्देश्य क्या है और इसे समय-सीमा, जोखिम लेने की क्षमता का भी आकलन करना होगा।

    उदाहरण से समझें

    जैसे अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं और जोखिम सह सकते हैं, तो इक्विटी फंड सही ऑप्शन रहेगा। लेकिन अगर आप दो या तीन साल बाद निवेश कर फंड किसी कार्य में उपयोग करना चाहते हैं, जैसे शादी, पढ़ाई इत्यादि, तो हाइब्रिड और डेट फंड सही ऑप्शन रहेगा। ये आपको कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न दे सकता है।

    रिटर्न नहीं, देखें रोलिंग रिटर्न

    एक बार अपने एक कैटेगरी चुन लिया, अब आपको कई अन्य फैक्टर पर ध्यान देना होगा। जैसे ये न देखें कि 1, 2 और 5 साल में फंड ने कितना रिटर्न दिया है। बल्कि इस बार ध्यान दें कि मार्केट के उतार-चढ़ाव के समय फंड कैसा रिटर्न दे रहा है। इसके साथ ही अलग-अलग रिस्क फैक्टर जैसे शार्प रेश्यो को भी ध्यान में रखना जरूरी है।

    चार्जेस का भी रखें खास ध्यान

    इसके साथ ही चार्जेस जैसे एक्सपेंस रेश्यो का ध्यान रखें। वहीं पोर्टफोलियो में कौन-कौन से सेक्टर जोड़े गए हैं, फंड मैनेजर और उसका प्रदर्शन कैसा रहा है, इन बातों का भी ध्यान रखें।

    (डिस्क्लेमर: यहां म्यूचुअल फंड पर दी गयी जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। शेयर बाजार में जोखिम हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)