MSME लोन पर RBI का नया नियम, ब्याज दरें होंगी पारदर्शी; क्या-क्या बदलेगा?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को MSME लोन की ब्याज दरों को बाहरी मानक से जोड़ने की सलाह दी है, ताकि मौद्रिक नीति का लाभ ग्राहकों तक पहुंचे। ब्याज ...और पढ़ें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को MSME लोन की ब्याज दरों को बाहरी मानक से जोड़ने की सलाह दी है।
नई दिल्ली। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को मिलने वाले लोन में ब्याज दरों का लाभ तेजी से ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को अहम सलाह दी है। सरकार ने संसद को बताया है कि आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे एमएसएमई लोन को किसी बाहरी मानक (External Benchmark) से जोड़ें, ताकि मौद्रिक नीति का असर बेहतर तरीके से जमीन पर दिख सके।
सरकार के मुताबिक, बाहरी मानक से जुड़े लोन के तहत ब्याज दरों के पुनःनिर्धारण (रीसेट) की अवधि अब तीन महीने तय की गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि नीतिगत दरों में बदलाव का फायदा या असर एमएसएमई उधारकर्ताओं तक समय पर पहुंचे।
मौजूदा उधारकर्ताओं को भी मिलेगा विकल्प
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री शोभा करंडलाजे ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि जो उद्यमी पहले से ऋण ले चुके हैं, उन्हें भी बाहरी मानक आधारित ब्याज दर व्यवस्था में आने का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए बैंकों और ग्राहकों के बीच आपसी सहमति से बदलाव किया जा सकता है।
गुणवत्ता मानकों पर भी सरकार का ध्यान
मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और उपभोक्ता मामलों के विभाग के माध्यम से गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (QCOs) को चरणबद्ध तरीके से लागू कर रही है। इन आदेशों को लागू करते समय एमएसएमई क्षेत्र को विशेष छूट और राहत दी जाती है, ताकि घरेलू उत्पादन पर नकारात्मक असर न पड़े और छोटे उद्योगों की गतिविधियां बाधित न हों।

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