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    WTO में भारत बताएगा क्या हों सुधार, पीयूष गोयल ने दिया बड़ा बयान

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 08:11 PM (IST)

    वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सुधारों का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने जोर दिया कि सुधार विकासशील देशों के साथ परामर्श करके होने चाहिए, न कि केवल विकसित देशों के एजेंडे के लिए। गोयल ने एसईजेड में राहत उपायों और कनाडा के साथ एफटीए वार्ता पर भी बात की।

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    वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल।

    विशाखापत्तनम। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सुधारों को आगे बढ़ाने में नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए तैयार है। लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सुधारों की प्रकृति को विकासशील और सबसे कम विकसित देशों के साथ परामर्श करके आकार दिया जाना चाहिए, ताकि ये कुछ विकसित देशों के एजेंडे के बजाय वैश्विक कल्याण की सेवा करें।

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    गोयल ने कहा कि दुनिया भारत की ताकत और नेतृत्व को पहचानती है और एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक है। हम डब्ल्यूटीओ में सुधारों का नेतृत्व करना चाहेंगे। वह सुधार अन्य विकासशील और कम विकसित देशों के साथ परामर्श के बाद तय किए जाएं। ताकि हम वास्तव में दुनिया के कल्याण के लिए काम कर सकें और केवल कुछ विकसित देशों के एजेंडे के लिए नहीं।

    सीआइआइ के साझेदारी शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेने आईं डब्ल्यूटीओ की महानिदेशक न्गोजी ओकोंजो-इवेला ने शुक्रवार को कहा था कि भारत को इस वैश्विक संगठन की सुधार प्रतिक्रिया में नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए। उनके इस बयान पर ही केंद्रीय मंत्री ने प्रतिक्रिया दी है। गोयल ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था।

    अमेरिका समेत तमाम विकसित देश डब्ल्यूटीओ में सुधारों के लिए दबाव बना रहे हैं। इन वार्ताओं ने हाल के वर्षों में गति पकड़ी है। वे विवाद निपटान तंत्र, विकासशील देशों के लिए विशेष और भिन्न उपचार और डब्ल्यूटीओ में समझौतों की वार्ता के तरीकों जैसे क्षेत्रों में सुधार की मांग कर रहे हैं। भारत ने लगातार कहा है कि सुधार एजेंडा सभी सदस्य देशों के बीच सहमति से तय किया जाना चाहिए। शुक्रवार को डब्ल्यूटीओ प्रमुख के साथ बैठक में गोयल ने अगले वर्ष मार्च में कैमरून में होने वाले 14वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन और सुधारों सहित विभिन्न अन्य पहलुओं पर चर्चा की। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन इस बहुपक्षीय संगठन का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है जो वैश्विक व्यापार से संबंधित मामलों से निपटता है। यह सदस्य देशों के बीच विवादों का निपटारा भी करता है। भारत 1995 से इसका सदस्य है।


    एसईजेड में राहत के उपायों पर चल रहा विचार

    पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में उत्पादन बढ़ाने के लिए कुछ राहत उपायों को लागू करने के प्रस्तावों पर विचार कर रही है। मंत्रालय इन क्षेत्रों में अतिरिक्त क्षमता को भारत के घरेलू बाजार में उपयोग के लिए बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार कर रहा है। आंध्र प्रदेश विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में ब्रांडिक्स टेक्सटाइल इकाइयों का दौरा करते हुए गोयल ने कहा कि यह एक तरह से आयात प्रतिस्थापन भी होगा क्योंकि अन्य देशों से भारत आने वाले कई सामानों को विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) द्वारा घरेलू टैरिफ क्षेत्रों (डीटीए) को आपूर्ति की तुलना में बेहतर लाभ मिलता है।

    हम इस अंतर को पाटने की कोशिश कर रहे हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही सभी एसईजेड से उत्पादन में भारी वृद्धि होगी। एसईजेड को व्यापार और शुल्कों के लिए विदेशी क्षेत्र माना जाता है, जहां शुल्क-मुक्त घरेलू बिक्री पर प्रतिबंध हैं।

    अभी एसईजेड की इकाइयों को अपने उत्पादों को डीटीए में तैयार माल के आधार पर शुल्क के भुगतान पर बेचने की अनुमति है।

    कनाडा के साथ एफटीए वार्ता शुरू करने पर विचार

    वाणिज्य मंत्री ने कहा कि कनाडा के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत फिर से शुरू करने के संबंध में सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कनाडा के निर्यात संवर्धन, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री मनिंदर सिद्धू के साथ दो दौर की चर्चा की है और दोनों ही द्विपक्षीय सहयोग और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के तरीके तलाश रहे हैं। भारत और कनाडा के बीच एफटीए वार्ता 2023 से बंद है।

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