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    अब 'आधार' ही होगा पहचान का जरिया

    By Murari sharanEdited By:
    Updated: Mon, 27 Oct 2014 02:21 AM (IST)

    अपने पहले के रुख से पूरी तरह पलटते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'आधार' योजना का पूर्ण समर्थन किया है और कहा है कि यह 'हर समय, हर जगह, हर तरह से' किसी ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। अपने पहले के रुख से पूरी तरह पलटते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'आधार' योजना का पूर्ण समर्थन किया है और कहा है कि यह 'हर समय, हर जगह, हर तरह से' किसी की प्रामाणिकता साबित करने में मदद करेगी। इसके साथ ही आधार कार्ड प्रवासियों के लिए वैश्विक पहचान का जरिया बनेगा।

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    सभी राज्य सरकारों को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है कि एक आधार संख्या केवल एक व्यक्ति को आवंटित की जाती है। इससे किसी पहचान की व्यापक पुष्टि करने में मदद मिलेगी।

    पत्र में कहा गया है कि चूंकि 'आधार' व्यक्ति की जनसंख्या संबंधी और बायोमेट्रिक सूचना पर आधारित है, इसलिए इससे धोखाधड़ी और फर्जी गतिविधियों को समाप्त करने में मदद मिलेगी। इसे किसी की पहचान के सत्यापन का एकमात्र स्रोत माना जाएगा।

    होंगे कई फायदे:

    -गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है कि आधार कार्ड के कई फायदे होंगे। इसका इस्तेमाल कई जगहों पर आसानी से पहचान साबित करने के लिए किया जा सकेगा।

    -बैंक खाता खोलने, ऑनलाइन टिकट कटाने, पासपोर्ट के लिए आवेदन करने सहित अन्य जिस किसी काम में पहचान की जरूरत होती है, वहां इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

    -आधार प्रवासियों को सार्वभौम पहचान प्रदान करेगा। सरकारों के लिए इसके जरिए लोगों तक प्रभावी तरीके से सुविधाएं पहुंचाना आसान हो जाएगा।

    बढ़ेगी इसकी उपयोगिता:

    ज्यादा-से-ज्यादा सरकारी योजनाओं को आधार से जोड़ा जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में इसकी उपयोगिता बढ़ती ही जाएगी। आधार से गरीबों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का लाभ लेने में मदद मिलेगी। यह पहचान का सबसे सरल साधन बन जाएगा।

    संप्रग के समय में था ये रुख:

    राजनाथ सिंह की अगुवाई में गृह मंत्रालय का ताजा रुख संप्रग सरकार में पी. चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे के समय के रुख से ठीक उलट है। मंत्रालय ने भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या (यूआइडीएआइ) के आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पहचान की विशिष्टता किसी की पहचान की प्रामाणिकता या दूसरे आधार संख्या की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी शर्त नहीं है। गृह मंत्रालय ने आधार संख्या प्राप्त करने के लिए लोगों की ओर से दिए गए पहचान और पते का प्रमाण संबंधी दस्तावेजों पर भी सवाल खड़ा किया था।

    राष्ट्रीय पहचान कार्यक्रम :

    आधार तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) भारत सरकार के राष्ट्रीय पहचान कार्यक्रम हैं। इसमें से आधार का क्रियान्वयन यूआइडीएआइ करता है, जबकि एनपीआर गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महापंजीयक द्वारा चलाया जाता है। दोनों योजनओं के तहत दस अंगुलियों के निशान, दोनों आंखों की पुतलियां तथा फोटो के जरिये बायोमेट्रिक डाटा जुटाए जाते हैं। सूचीकरण प्रक्रिया के दौरान आवासीय पते की पहचान भी की जाती है।

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