Kisan Vikas Patra: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में करने जा रहे हैं निवेश? जान लें कितना देना होगा टैक्स
Kisan Vikas Patra किसान विकास पत्र योजना पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम है। लोग इस स्कीम में बढ़-चढ़कर निवेश कर रहे हैं। अगर आप भी इस स्कीम में निवेश करने वाले है तो आपको जरूर जानना चाहिए कि इस स्कीम में टैक्स के क्या नियम हैं...

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क।Kisan Vikas Patra: किसान विकास पत्र, पोस्ट ऑफिस की स्कीम है। इस योजना में आप 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं। अगर आप स्कीम में पूरे समय तक बने रहते हैं तो आपको 124 महीने के बाद अपने निवेश का डबल मिलता है। यानी कि 10 साल 4 महीने में निवेशक को दोगुना फायदा मिलता है। इस योजना में आपको इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80-सी के तहत टैक्स बेनेफिट भी दिया जाता है।
कहां मिलता है टैक्सेशन का लाभ?
कई बार इंवेस्टर केवीपी पर मिल रहे इंटरेस्ट को अपनी टैक्सेबल इनकम में शामिल कर देते हैं, जबकि इस योजना में ब्याज पर टीडीएस नहीं कटता है। स्कीम से कमाए इंटरेस्ट को आईटीआर में दिखाना पड़ता है। इन ब्याज की जानकारी हर साल 26-सी में दिखानी होती है।
टैक्स कब देना होता है?
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत निवेशक को बुक ऑफ अकाउंट के तहत टैक्स ऑडिट करवाने की जरूरत नहीं होती है। सेक्शन 145 के तहत बाकी इनकम पर टैक्स कैलकुलेट किया जाता है। इस योजना में आप कैश या फिर मर्केंन्टाइल के जरिये इंटरेस्ट कमा सकते हैं। वहीं अगर निवेशक कैश के आधार पर इंटरेस्ट लेता है, तब उसे मैच्योरिटी के समय टैक्स देना होता है। वहीं अगर मर्केंटाइल के आधार पर इंटरेस्ट लिया जाता है, तब हर साल अर्जित व्यय पर टैक्स देना होता है।
टैक्स कटौती के लिए क्या करें?
अगर किसी निवेशक के इंटरेस्ट में कोई मिसमैच हो जाता है, तब साल दर साल कमाए इंटरेस्ट और मैच्योरिटी पर मिले ब्याज को चेक किया जा सकता है। इसके लिए आपको हर साल टैक्स रिटर्न फाइल करते समय दस्तावेजों को जमा करना होता है। इनकम टैक्स एक्ट के 194ए धारा के तहत इस योजना में मैच्योरिटी पर मिल रहे ब्याज पर कोई टैक्स कटौती नहीं होती है। वहीं टैक्स सेल्फ असेसमेंट या फिर एडवांस टैक्स में आपको मैच्योरिटी पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
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