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    TDS on Crypto: क्रिप्टो ट्रेडिंग में कहीं आप तो यह गलती नहीं कर रहे, भरना पड़ सकता है जुर्माना

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Tue, 28 Mar 2023 09:30 PM (IST)

    What will Happen if you Dont File TDS on Crypto Transactions क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टीडीएस काटा जाता है। बजट 2022 में इसका एलान किया गया था। अगर आप इसे नजरअंदाज करते हैं तो जुर्माना भरना पड़ सकता है। (जागरण फाइल फोटो)

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    Filing TDS on Crypto: tds on crypto transaction in india

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको टीडीएस भरना जरूरी है। नहीं तो आप टैक्स के झंझट में फंस सकते हैं। आज हम अपनी रिपोर्ट में क्रिप्टो पर लगने वाले टीडीएस के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

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    क्या होता है TDS?

    क्रिप्टो पर टीडीएस के बारे में जान लेने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर टीडीएस क्या होता है और ये कैसा कटता है।

    टीडीएस का पूरा नाम टैक्स डिडक्ट एट सोर्स (Tax Deduct at Source)है। यह देश की टैक्स संरचना का बहुत महत्वपू्र्ण हिस्सा होता है। इस खास बात है कि यह कोई आय होने के साथ ही काट लिया जाता है। इस कारण टीडीएस को टैक्स डिडक्ट एट सोर्स कहा जाता है। काटने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेज दिया जाता है। इसे किसी सैलरी, किराया और पेशेवर फीस के भुगतान के समय काटा जाता है।

    क्रिप्टो पर टीडीएस (TDS on Crypto)

    क्रिप्टो पर टीडीएस का केंद्र सरकार की ओर से आम बजट 2022 में एलान किया गया था। सभी क्रिप्टो होल्डर्स पर एक प्रतिशत टीडीएस लगेगा। वहीं, क्रिप्टो में होने वाले फायदे में इसकी दर 30 प्रतिशत होगी। क्रिप्टो पर टीडीएस कटना ही महत्वपूर्ण नहीं होता है, बल्कि उसकी फाइलिंग भी बहुत जरूरी है। एक क्रिप्टो ट्रेडर को टीडीएस काटाने वाले से इसका सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।

    टीडीएस के फॉर्म (TDS Forms)

    टीडीएस भरने के लिए दो फॉर्म 26Q और फॉर्म 26QE का उपयोग किया जाता है। फॉर्म 26Q का उपयोग सैलरी के अलावा अन्य पर भरे गए टीडीएस को दिखाने के लिए किया जाता है। इसकी फाइलिंग तिमाही आधार पर होती है।

    फॉर्म26 QE का उपयोग वर्चअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) पर काटे गए टीडीएस को दिखाने के लिए किया जाता है।

    बता दें, टैक्सपेयर्स की ओर से काटे गए टीडीएस की फाइलिंग नियमों के अनुसार करनी होती है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो फिर आयकर विभाग आप पर जुर्माना लगा सकता है।