Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jagran Trending: क्‍या हैं Cryptocurrencies और ये कैसे करते हैं काम? जानें इनमें निवेश के नफा-नुकसान

    By Manish MishraEdited By:
    Updated: Mon, 09 May 2022 11:11 AM (IST)

    Jagran Trending Cryptocurrency क्‍या हैं और ये कैसे काम करते हैं इसके बारे में विस्‍तार से जानकारी दी जा रही है। इस आर्टिकल में हम आपको क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश की शुरुआत कैसे करें से लेकर इसके तमाम नफा-नुकसानों के बारे में विस्‍तार से बता रहे हैं।

    Hero Image
    What are cryptocurrencies and how do they work? Know the pros and cons of cryptos before investing

    नई दिल्‍ली, मनीश कुमार मिश्र। Cryptocurrencies के बारे में आजकल हर कोई बात करता नजर आता है। शेयर बाजार की तरह ही अब प्रमुख क्रिप्‍टोरेंसीज के रेट्स सुबह-सुबह आपको सुर्खियों में देखने को मिल रही होगी। आइए, आज हम इन्‍हीं क्रिप्‍टोकरेंसीज के बारे में विस्‍तार से समझते हैं। Cryptocurrencies क्‍या हैं, ये कैसे काम करते हैं और इनमें निवेश के क्‍या नफा-नुकसान हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्‍या हैं Cryptocurrencies?

    क्रिप्‍टोकरेंसी वास्‍तव में ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित डिसेंट्रलाइज्‍ड डिजिटल मनी है और इसे क्रिप्‍टोग्राफी (Cryptography) से सुरक्षित किया गया है। अब आप जानना चाहेंगे कि यह Blockchain क्‍या है? आसान शब्‍दों में कहें तो क्रिप्‍टोकरेंसी के मामले में ब्‍लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (बही-खाता) है, जिसके इस्‍तेमाल का अधिकार सिर्फ यूजर्स को होता है। यह लेजर कई तरह के एसेट्स के लेनदेन को रिकॉर्ड रखता है जिसमें पैसे, घर आदि जैसे एसेट्स शामिल होते हैं। ब्‍लॉकचेन का अधिकार यूजर्स के साथ साझा किया जाता है और खास बात यह है कि यहां उपलब्‍ध जानकारियां पूरी तरह पारदर्शी, तात्‍क‍ालिक और इतनी सुरक्षित होती हैं कि इसे यूजर्स क्‍या एडमिनिस्‍ट्रेटर भी इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते। अब सेंट्रलाइज्‍ड और डिसेंट्रलाइज्‍ड मनी का फर्क भी समझ लेते हैं। सेंट्रलाइज्‍ड मनी हमारे लिए रुपया है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गवर्न किया जाता है। डिसेंट्रलाइज्‍ड मनी को गवर्न करने वाला कोई नहीं होता और इसके मूल्‍य में गिरावट या तेजी को सुपरवाइज करने वाली कोई अथॉरिटी नहीं होती।

    Cryptocurrency का इतिहास

    1980 में 'ब्‍लाइंडिंग एल्‍गोरिदम' की खोज हुई थी और क्रिप्‍टोकरेंसी के मूल में यही रहा है। यह एल्‍गोरिदम सभी डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित और अभेद्य रखने से संबंधित है। 2008 में लोगों के एक समूह ने आज के क्रिप्‍टो मार्केट की क्रिप्‍टोकरेंसी Bitcoin बनाया और इसके सिद्धांत भी तैयार किए। बिटकाइन बनाने वाले लोगों के समूह का छद्म नाम 'सातोशी नाकामोतो' था। 2009 में दुनिया में Bitcoin को लॉन्‍च किया गया था। हालांकि, मर्चेंट्स को भुगतान के लिए इसके इस्‍तेमाल में वर्षों लग गए और 2012 में WordPress के लिए भुगतान Bitcoin से किया जाने लगा।

    कैसे करें Cryptocurrency की खरीद-बिक्री

    अगर आप क्रिप्‍टोकरेंसीज की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो सेंट्रल एक्‍सचेंजों, ब्रोकर्स या किसी ऐसे व्‍यक्ति से इसकी खरीदारी कर सकते हैं जिसके पास यह हो। इन्‍हीं माध्‍यमों से आप इनकी बिक्री भी कर सकते हैं। एक बार खरीदारी के बाद Cryptocurrency आपके डिजिट वॉलेट में आ जाता है। Digital Wallets भी दो तरह के होते हैं- हॉट एवं कोल्‍ड। हॉट डिजिटल वॉलेट इंटरनेट से जुड़ा होता है और आप आसानी से अपने वॉलेट में पड़े क्रिप्‍टोकरेंसी की खरीद-बिक्री कर सकते हैं। हालांकि, इसमें चोरी होने और धोखाधड़ी का खतरा होता है। कोल्‍ड स्‍टोरेज सुरक्षित तो होता है लेकिन लेनदेन आसान नहीं रहता।

    क्रिप्‍टोकरेंसी के जरिए लेनदेन

    क्रिप्‍टोकरेंसी जैसे बिटकाइन को आप आसानी से एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं और इसके लिए आपके पास सिर्फ एक स्‍मार्टफोन होना चाहिए। अगर आपके पास क्रिप्‍टोकरेंसी है तो आप इसका इस्‍तेमाल किसी वस्‍तु या सेवाओं को खरीदने में कर सकते हैं या इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं या इसके बदले नकदी ले सकते हैं।

    Cryptocurrency के नफा-नुकसान

    Cryptocurrencies प्राइवेट और सुरक्षित हैं। ये डिसेंट्रलाइज्‍ड और पारदर्शी भी, इसके डाटा के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता। कुछ निवेशक महंगाई के खिलाफ हेजिंग के लिए भी इसका इस्‍तेमाल करते हैं जैसे आम निवेशक गोल्‍ड का इस्‍तेमाल करते हैं। इन फायदों के साथ ही क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश के कुछ नुकसान भी हैं। बहुत सारे निवेशक क्रिप्‍टोकरेंसी को नहीं समझते हैं। हर करेंसी के पीछे कोई अंडरलाइंग वैल्‍यू होता है। उदाहरण के तौर पर सरकार देश में उपलब्‍ध सोने के आधार पर रुपये छापती है। क्रिप्‍टोकरेंसीज में कोई भी अंडरलाइंग वैल्‍यू नहीं होता। इनमें जबरदस्‍त उतार-चढ़ाव आता है और यहां सिर्फ मांग और आपूर्ति जैसा नियम लागू होता है। इन्‍हीं जोखिमों को देखते हुए कई देशों में क्रिप्‍टोरकरेंसी प्रतिबंधित हैं।